tag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post2435817459227540045..comments2024-03-09T10:40:20.915+05:30Comments on गीत.......मेरी अनुभूतियाँ: खलिशसंगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comBlogger72125tag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-16110704445463398042011-10-03T21:33:42.853+05:302011-10-03T21:33:42.853+05:30सारे ख्वाब झर गए हैं
बन कर बूंद - बूंद
भीगी पलक...सारे ख्वाब झर गए हैं <br />बन कर बूंद - बूंद<br />भीगी पलकों को इसका <br />कुछ एहसास भी नहीं | <br />lajbav.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-26780238307711765642011-09-22T11:08:28.064+05:302011-09-22T11:08:28.064+05:30समेट लिया है मन के सारे भावों को जो सुन्दर बन पड़ा...समेट लिया है मन के सारे भावों को जो सुन्दर बन पड़ा है.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-28291170631335651252011-09-22T09:26:14.645+05:302011-09-22T09:26:14.645+05:30एक बार फिर से
नई पुरानी हलचल से
आपसे प्यारभरी श...एक बार फिर से <br />नई पुरानी हलचल से<br /><br />आपसे प्यारभरी शिकायत करने कि<br />आपने सुन्दर हलचल तो मचाई <br />पर मेरे ब्लॉग पर अभी तक भी आप क्यूँ <br />नहीं आयीं.<br /><br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-13430426303135427622011-09-21T13:43:16.154+05:302011-09-21T13:43:16.154+05:30जब मैं फुर्सत में होता हूँ , पढ़ता हूँ और तहेदिल स...जब मैं फुर्सत में होता हूँ , पढ़ता हूँ और तहेदिल से इन भावनाओं का शुक्रगुज़ार होता हूँ ....Suman Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05417887549882830927noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-40569298054252928632011-09-21T06:08:20.326+05:302011-09-21T06:08:20.326+05:30घर की सूरत में
मिला था मुझे एक मकाँ
ढह गयीं सा...घर की सूरत में <br />मिला था मुझे एक मकाँ<br />ढह गयीं सारी दीवारें <br />अब कुछ निशाँ भी नहीं |<br /><br />अक्सर ऐसा होता है की बसा बसाया घर बस एक मकान में तब्दील हो जाता है ... तो कहीं मुहब्बत के छाँव में कोई मकान घर बन जाता है ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-22175132368720157872011-09-21T04:54:29.681+05:302011-09-21T04:54:29.681+05:30आदरणीय संगीता जी बहुत ही खूबसूरत कविता बधाई और शुभ...आदरणीय संगीता जी बहुत ही खूबसूरत कविता बधाई और शुभकामनाएं |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-16789834728446038212011-09-21T04:54:28.151+05:302011-09-21T04:54:28.151+05:30आदरणीय संगीता जी बहुत ही खूबसूरत कविता बधाई और शुभ...आदरणीय संगीता जी बहुत ही खूबसूरत कविता बधाई और शुभकामनाएं |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-43674564611546502212011-09-20T21:46:34.990+05:302011-09-20T21:46:34.990+05:30ये रचना भी प्यारी है और इसकी हेडिंग भी बहुत सटीक ह...ये रचना भी प्यारी है और इसकी हेडिंग भी बहुत सटीक है.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-51574513574300366642011-09-20T20:26:06.183+05:302011-09-20T20:26:06.183+05:30बहुत ही भावपूर्ण रचना, आभारबहुत ही भावपूर्ण रचना, आभारArvind Jangidhttps://www.blogger.com/profile/02090175008133230932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-14600729929947468742011-09-20T18:25:28.846+05:302011-09-20T18:25:28.846+05:30घर की सूरत में
मिला था मुझे एक मकाँ
ढह गयीं सा...घर की सूरत में <br />मिला था मुझे एक मकाँ<br />ढह गयीं सारी दीवारें <br />अब कुछ निशाँ भी नहीं |<br /><br />....बहुत भावमयी रचना..एक एक पंक्ति अंतस को छू जाती है..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-77121941164899060812011-09-20T00:01:07.406+05:302011-09-20T00:01:07.406+05:30respected sangeetaji,
कुछ ऐसे ब्लॉग हैं जिन्ह...respected sangeetaji,<br /><br />कुछ ऐसे ब्लॉग हैं जिन्हें बहुत से लोग पसंद करते हैं और हम भी अपवाद नहीं हैं, जैसे ही हमें यह सुखद समाचार मिला कि जन सुनवाई से जुड़े लेखकों व प्राप्त आपबीतियों का संकलन छापने के लिए एक प्रकाशन गृह सहर्ष सहमत है, <br /><br />हमने कुछ सम्मानित लेखकों को सादर आमंत्रित किया कि वे अपनी किसी एक रचना को, चाहे वह किसी भी विषय पर हो पर रचनाकार स्वयं उसे विशिष्ट एवं प्रकाशन योग्य मानते हों jansunwai@in.com पर भेजें, ताकि उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना इस नये प्रकाशन में स्थान पा सके, हालांकि हम स्वीकार करते हैं कि किसी भी लेखक के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति का चुनाव हमेशा मुश्किल होता है.<br /><br /><br />आगामी प्रकाशन के बारे में यदि आप हमें कोई अमूल्य सलाह या सुझाव देना चाहते हैं जिस से कोई नया आयाम इस से जुड़ सके तो आपका स्वागत है.<br /><br />मित्रों, शुभचिंतकों व सुधि पाठकों के आशीर्वाद की अभिलाषा में...जन सुनवाई @legalhealhttps://www.blogger.com/profile/04323751855551721387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-23161912259042794022011-09-19T13:02:09.565+05:302011-09-19T13:02:09.565+05:30जीवन से विरक्ति का बहुत प्रभावी चित्रण
चित्र संयो...जीवन से विरक्ति का बहुत प्रभावी चित्रण <br />चित्र संयोजन ......प्रभाव को.द्विगुणित कर देता हैसुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-42461210632132487802011-09-18T23:36:50.072+05:302011-09-18T23:36:50.072+05:30ये खलिश ही है...जो लिखवाती है...रोज़ कुछ...पहले से...ये खलिश ही है...जो लिखवाती है...रोज़ कुछ...पहले से बेहतर...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-60545389783473875712011-09-18T15:53:57.391+05:302011-09-18T15:53:57.391+05:30भावपूर्ण बहुत ही खुबसूरत रचना ....भावपूर्ण बहुत ही खुबसूरत रचना ....Suresh kumarhttps://www.blogger.com/profile/05489753526784353258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-63747555572057490332011-09-18T10:09:10.574+05:302011-09-18T10:09:10.574+05:30ग़ैर ज़रूरी संवादों से वाक़ई चिड़ ही होती है, सुंदर कव...ग़ैर ज़रूरी संवादों से वाक़ई चिड़ ही होती है, सुंदर कविता के लिए बधाई।www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-26416030952978944622011-09-18T09:03:20.703+05:302011-09-18T09:03:20.703+05:30ख़्वाब तो झरने के लिए ही होते हैं।
पलकों को पता न ...ख़्वाब तो झरने के लिए ही होते हैं।<br />पलकों को पता न चले- इस पंक्ति ने कविता को गहराई दी है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-53472119714440260842011-09-17T18:24:02.580+05:302011-09-17T18:24:02.580+05:30पसरा है एक सन्नाटा संवादों के बीच गैरज़रूरी संवाद...पसरा है एक सन्नाटा संवादों के बीच गैरज़रूरी संवादों का कोई सिलसिला भी नहीं | <br /><br />संगीता जी, सुंदर अभिव्यक्ति... उपर्युक्त लाइन मुझे बहुत ही अच्छी लगी वैसे पूरी कविता कमाल की है..धन्यवाद!विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-1293495713040480462011-09-17T14:33:57.241+05:302011-09-17T14:33:57.241+05:30कुछ उदासी लिए है ... अंतर्मन को छूती हुयी है आज की...कुछ उदासी लिए है ... अंतर्मन को छूती हुयी है आज की रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-87396027561458255152011-09-17T11:18:41.233+05:302011-09-17T11:18:41.233+05:30सारे ख्वाब झर गए हैं
बन कर बूंद - बूंद
भीगी पलक...सारे ख्वाब झर गए हैं <br />बन कर बूंद - बूंद<br />भीगी पलकों को इसका <br />कुछ एहसास भी नहीं |<br /> <br /> वाह ! क्या बात हें ..? दी. माफ़ी ! काफी दिनों बाद आना हुआ ? डेशबोर्ड के बंद रहने से कुछ पता ही नहीं चला ...<br /> खेर ,आज की कविता न जाने क्यों मेरे दिल के करीब लगी ...बहुत सुंदर भावनाए हें ... धन्यवाद !दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-41583911235162972082011-09-17T10:53:35.480+05:302011-09-17T10:53:35.480+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...वाह!बहुत सुन्दर प्रस्तुति...वाह!चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-57331243005661731882011-09-17T08:42:24.329+05:302011-09-17T08:42:24.329+05:30दीदी..
शब्द संयोजन उम्दा है..कविता में अंतर्मन के...दीदी..<br /><br />शब्द संयोजन उम्दा है..कविता में अंतर्मन के भाव भी खूब उभर कर आये हैं... <br /><br />पसरा है एक सन्नाटा संवादों के बीच गैरज़रूरी संवादों का कोई सिलसिला भी नहीं | <br /><br />घुटन भरी स्थिति होती है यह... लेकिन कभी ना कभी आ ही जाती है... <br /><br />बाकी जो मैं नहीं लिख रही हूँ वो आप जानती हैं :) :)... लव यूमुदिताhttps://www.blogger.com/profile/14625528186795380789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-44814187989165056232011-09-17T07:36:47.500+05:302011-09-17T07:36:47.500+05:30अंतर्मन की पीड़ा का शब्द-रूप , सन्नाटे में भी बहुत ...अंतर्मन की पीड़ा का शब्द-रूप , सन्नाटे में भी बहुत कुछ कह गया.Sapna Nigam ( mitanigoth.blogspot.com )https://www.blogger.com/profile/00012875891407319363noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-60267872167309325012011-09-17T00:37:42.571+05:302011-09-17T00:37:42.571+05:30केवल सन्नाटा ही सन्नाटा.
सपने झरे फूल से, मीत चुभे...केवल सन्नाटा ही सन्नाटा.<br />सपने झरे फूल से, मीत चुभे शूल से<br />लुट गये सिंगार सभी, राह में बबूल से<br />...........................<br />कारवाँ गुजर गया गुबार देखते रहे.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-83542812280338453362011-09-16T22:36:26.685+05:302011-09-16T22:36:26.685+05:30गहरे भाव समेटे बेहतरीन अभिव्यक्ति ....बधाईगहरे भाव समेटे बेहतरीन अभिव्यक्ति ....बधाई डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-38251510396044737702011-09-16T21:28:02.493+05:302011-09-16T21:28:02.493+05:30जिन्दगी कैसी है पहेली हाये...
प्रसन्न है वो जो इसे...जिन्दगी कैसी है पहेली हाये...<br />प्रसन्न है वो जो इसे सुलझाये...<br /><br />सुन्दर अभिव्यक्ति दी....<br />सादर...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.com