tag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post5752374334612722676..comments2024-03-09T10:40:20.915+05:30Comments on गीत.......मेरी अनुभूतियाँ: हासिल ....संगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-53289783667522301012021-06-18T23:18:09.283+05:302021-06-18T23:18:09.283+05:30क्या बात है प्रिय दीदी |मन को छूती लाजवाब ग़ज़ल |ये...क्या बात है प्रिय दीदी |मन को छूती लाजवाब ग़ज़ल |ये पंक्तियाँ तो कमाल हैं --<br />आज़माइश ज़िन्दगी की , <br />रास मुझे यूँ आने लगी <br />दरिया ए ग़म में डूबना , <br />मेरे लिए साहिल हुआ ।<br /> बहुत आनंद आया पढ़कर | बस प्रतिक्रिया देने में देरी के लिए खेद है | सादर प्रणाम |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-34886742459613525582021-05-29T21:51:47.090+05:302021-05-29T21:51:47.090+05:30गम के दरिया में डूबना साहिल का मिलना हो जाए तो जीव...गम के दरिया में डूबना साहिल का मिलना हो जाए तो जीवन जीना आसान हो जाता है ...<br />बहुत लाजवाब रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-90748111936087948072021-05-28T19:42:46.045+05:302021-05-28T19:42:46.045+05:30अश्कों ने घेरा क्यों हमें
ये भी कोई बात ह...अश्कों ने घेरा क्यों हमें <br />ये भी कोई बात हुई<br />चाहत भले ही रहें अधूरी ,<br />हक़ अपना तो लाज़िम हुआ ।<br />वाह! उम्दा, बेहतरीन बेमिसाल।<br />बहुत गहन भाव समेटे हर शेर ।<br />वाह!बस वाह्ह्ह्मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-71306286198482942272021-05-28T17:52:18.200+05:302021-05-28T17:52:18.200+05:30देखती हूँ खुद को मैं, औ
सोचती हूँ मूंद पलके...देखती हूँ खुद को मैं, औ <br />सोचती हूँ मूंद पलकें <br />क्या तुझे हासिल हुआ ,औ <br />क्या मुझे हासिल हुआ ।। वाह! जब आदमी ख़ुद से मुख़ातिब होता है तो जीवन की ढेर सारी परतें उघरने लगती है और सब कुछ साफ़ साफ़ शफ़्फ़ाक-सा दिखने लगता है। उम्दा अल्फ़ाज़!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-38164956554825514642021-05-23T13:55:04.490+05:302021-05-23T13:55:04.490+05:30वाह बहुत सुन्दर गज़ल आदरणीया संगीता जी,गहन भावाभिव...वाह बहुत सुन्दर गज़ल आदरणीया संगीता जी,गहन भावाभिव्यक्तिSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-42327358151320327942021-05-21T08:34:14.477+05:302021-05-21T08:34:14.477+05:30वाह।वाह।शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-31158579948917169652021-05-20T20:31:31.005+05:302021-05-20T20:31:31.005+05:30वाह! बहुत सुन्दर! बधाई!वाह! बहुत सुन्दर! बधाई!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-26842966324112544272021-05-19T12:55:29.532+05:302021-05-19T12:55:29.532+05:30देखती हूँ खुद को मैं, औ
सोचती हूँ मूंद पलके...देखती हूँ खुद को मैं, औ <br />सोचती हूँ मूंद पलकें <br />क्या तुझे हासिल हुआ ,औ <br />क्या मुझे हासिल हुआ ।।<br />वाह बहुत ही शानदार और धारदार भी ... वन्दन 🙏🙏<br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-25043903430617618042021-05-18T18:00:39.159+05:302021-05-18T18:00:39.159+05:30Khoobsurat rachnaKhoobsurat rachnaआशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-83091381398297981722021-05-17T17:13:16.655+05:302021-05-17T17:13:16.655+05:30आज़माइश ज़िन्दगी की ,
रास मुझे यूँ आने लगी
दरिया ...आज़माइश ज़िन्दगी की , <br />रास मुझे यूँ आने लगी <br />दरिया ए ग़म में डूबना , <br />मेरे लिए साहिल हुआ ।<br />वाह!!!<br />क्या बात.. जिन्दगी की आजमाइश मतलब जिंदगी से ऊपर उठकर देखना...फिर तो हर गम साहिल ही होगा...क्योंकि डूबे जो नहीं इस जीवन के बबंडर में..<br />बहुत ही लाजवाब।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-41516823399786955492021-05-17T14:02:30.826+05:302021-05-17T14:02:30.826+05:30
देखती हूँ खुद को मैं, औ
सोचती हूँ मूंद पलक...<br />देखती हूँ खुद को मैं, औ <br />सोचती हूँ मूंद पलकें <br />क्या तुझे हासिल हुआ ,औ <br />क्या मुझे हासिल हुआ ।।..बहुत सुंदर अनुभूतियों के संसार से परिचय करा रही हैं आपकी खूबसूरत रचनाएं,आपको मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-3972231261740880722021-05-17T05:25:12.302+05:302021-05-17T05:25:12.302+05:30माँग कर गर जन्नत मिले
तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा
...माँग कर गर जन्नत मिले<br /><br />तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा <br /><br />तुझको दर्द मैं गर दूँ तो <br /><br />क्या हममें मरासिम हुआ ।<br /><br />बहुत सुंदर रचनाMANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13656162462576727173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-32990608301403039852021-05-16T10:14:33.898+05:302021-05-16T10:14:33.898+05:30माँग कर गर जन्नत मिले
तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा
तु...माँग कर गर जन्नत मिले<br />तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा <br />तुझको दर्द मैं गर दूँ तो <br />क्या हममें मरासिम हुआ ।<br />बेहतरीन .., गहन भावाभिव्यक्ति ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-57887893948514554242021-05-15T23:37:38.691+05:302021-05-15T23:37:38.691+05:30
देखती हूँ खुद को मैं, औ
सोचती हूँ मूंद पलक...<br />देखती हूँ खुद को मैं, औ <br />सोचती हूँ मूंद पलकें <br />क्या तुझे हासिल हुआ ,औ <br />क्या मुझे हासिल हुआ ।।..सुंदर भावनाओं भरी नायाब रचना ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-64531195342013993542021-05-15T21:35:01.236+05:302021-05-15T21:35:01.236+05:30आजमाइश दुःख ही देती है, कितना सच। आजमाइश दुःख ही देती है, कितना सच। Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/05409609050432878997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-24055228673819800132021-05-15T21:04:08.675+05:302021-05-15T21:04:08.675+05:30देखती हूँ खुद को मैं, औ
सोचती हूँ मूंद पलके...देखती हूँ खुद को मैं, औ <br />सोचती हूँ मूंद पलकें <br />क्या तुझे हासिल हुआ ,औ <br />क्या मुझे हासिल हुआ ।।बहुत सुंदर रचना।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-46217642183676409882021-05-15T16:20:40.284+05:302021-05-15T16:20:40.284+05:30माँग कर गर जन्नत मिले, तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा .....माँग कर गर जन्नत मिले, तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा ........ <br />बहुत सुंदरगगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-76712367368469696552021-05-15T16:19:58.856+05:302021-05-15T16:19:58.856+05:30माँग कर गर जन्नत मिले, तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा .....माँग कर गर जन्नत मिले, तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा ........ <br />बहुत सुंदरगगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-40216224222180221512021-05-15T15:34:21.960+05:302021-05-15T15:34:21.960+05:30वाह ! बहुत उम्दा गजल, गम भले कितना सताये, दर्द हर ...वाह ! बहुत उम्दा गजल, गम भले कितना सताये, दर्द हर दिल पी ही जाये Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-7050677681200666412021-05-15T15:30:16.160+05:302021-05-15T15:30:16.160+05:30कोमल भाव की कोमल कविता। कोमल भाव की कोमल कविता। अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-63342149801188795772021-05-15T12:04:07.101+05:302021-05-15T12:04:07.101+05:30बहुत बहुत सुन्दरबहुत बहुत सुन्दरआलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-52951535650671531962021-05-15T11:38:48.972+05:302021-05-15T11:38:48.972+05:30माँग कर गर जन्नत मिले
तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा
तु...माँग कर गर जन्नत मिले<br />तो ये दोज़ख़ भी क्या बुरा <br />तुझको दर्द मैं गर दूँ तो <br />क्या हममें मरासिम हुआ । जी बहुत ही अच्छी कविता। PRAKRITI DARSHANhttps://www.blogger.com/profile/10412459838166453272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-51358457755195599692021-05-15T10:42:16.324+05:302021-05-15T10:42:16.324+05:30शुक्रिया रविन्द्र जी शुक्रिया रविन्द्र जी संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-15036610235409265012021-05-15T09:43:00.610+05:302021-05-15T09:43:00.610+05:30सुंदर प्रस्तुतिसुंदर प्रस्तुतिOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-64091749899759591882021-05-15T07:41:35.576+05:302021-05-15T07:41:35.576+05:30वाह।वाह।शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.com