tag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post6793693758682838291..comments2024-03-09T10:40:20.915+05:30Comments on गीत.......मेरी अनुभूतियाँ: गुलमोहरसंगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-36072852385355870242021-04-15T11:08:18.907+05:302021-04-15T11:08:18.907+05:30प्रेम और गुलमोहर
दग्ध हृदय पर शीतलता
का लेप कर
अन...प्रेम और गुलमोहर <br />दग्ध हृदय पर शीतलता<br />का लेप कर<br />अनुभूतियों की<br />सरस स्मृतियां दे जाती हैं।<br />----<br />अति भावपूर्ण खूबसूरत रचना दी।<br />सादर।<br /><br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-31057567791631831372012-02-29T11:06:46.551+05:302012-02-29T11:06:46.551+05:30बहुत सुन्दर संगीता जी ...
गुलमोहर की पंखुरी का स्...बहुत सुन्दर संगीता जी ...<br /><br />गुलमोहर की पंखुरी का स्वाद मीठी याद बन कर रहा...<br />और निम्बोली का स्वाद शायद कुछ रिश्तों की कड़वाहट लिए था!!!!<br /><br />अच्छा लगा पुरानी रचना पढ़ना.....<br />धीरे धीरे सभी पढ़ती हूँ अब...<br /><br />सादर.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-53390801002833059762009-10-05T07:19:57.685+05:302009-10-05T07:19:57.685+05:30यादे वैसे तो अपने आप में कोई अस्तित्व नहीं रखती जब...यादे वैसे तो अपने आप में कोई अस्तित्व नहीं रखती जब तक की इंसान अपनी भावनाओ से उसे अपने दिल के गमले में उन्हें पोषण न दे..आपकी भावनाओ ने भी बीती यादो को भरपूर पोषण दिया है जिस से ये रचना एक बहुत ही खूबसूरत याद और ताजगी से लबालब है..कुछ यादो ने हमें भी घेर लिया है...इन्ही सुखद यादो के साथ इस रचना की सफलता पर बधाई देती हु.. !अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-16247955086221897052009-10-04T22:17:03.030+05:302009-10-04T22:17:03.030+05:30संगीता जी,
यादे वैसे तो अपने आप में कोई अस्तित्व ...संगीता जी, <br />यादे वैसे तो अपने आप में कोई अस्तित्व नहीं रखती जब तक की इंसान अपनी भावनाओ से उसे अपने दिल की गमले में पोषण न दे..आपकी भावनाओ ने भी बीती यादो को भरपूर पोषण दिया है जिस से ये रचना एक बहुत ही खूबसूरत याद और ताजगी से लबालब है..कुछ यादो ने हमें भी घेर लिया है...इन्ही सुखद यादो के साथ बधाई देती हुई विदा लेती हु..अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-75136343415155244502009-09-29T20:32:31.656+05:302009-09-29T20:32:31.656+05:30गुलमोहर का इतना तगड़ा विज्ञापन!!!!!!!
गुलमोहर से को...गुलमोहर का इतना तगड़ा विज्ञापन!!!!!!!<br />गुलमोहर से कोई कान्ट्रेक्ट साइन किया है??????????और कितने में??????????<br />खैर ये तो रही मजाक की बात.<br /><br />रचना बहुत ही सुन्दर, ऊपर हरे पत्ते और उसके ऊपर लाल-लाल फूल ही फूल.<br />मौसम में नीचे गिरे फूल तो सचमुच कालीन माफिक ही तो बिछे रहते हैं............<br /><br />फूल का स्वाद तो आपने बताया खट्टा-मीठा. नया प्रयोग, पर मैंने कभी नहीं आजमाया..............<br /><br />सुन्दर रचना पर हार्दिक बधाई.<br /><br />चन्द्र मोहन गुप्त<br />जयपुर<br />www.cmgupta.blogspot.comMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-78051124724970608622009-09-29T13:41:21.244+05:302009-09-29T13:41:21.244+05:30gulmohar.....pyaar ka prateek hota haigulmohar.....pyaar ka prateek hota haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-37598535443694278062009-09-28T14:53:52.199+05:302009-09-28T14:53:52.199+05:30wah di wah...bahut pyaari rachna or pic. bhi ekdam...wah di wah...bahut pyaari rachna or pic. bhi ekdam mast lagai hai aapne.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-26112556414209746162009-09-28T07:53:55.268+05:302009-09-28T07:53:55.268+05:30बहूत सी बार कोई चीज जुड़ जाती किसी बात से जो हमेशा...बहूत सी बार कोई चीज जुड़ जाती किसी बात से जो हमेशा दिल में छाए रहती है ......... आपकी रचना ने भी गुलमोहर को थाम रखा है ........ विजयदशमी की शुभ कामनाएं ..........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-58617014211410748502009-09-28T07:27:20.452+05:302009-09-28T07:27:20.452+05:30आज भी जब
आती है
तुम्हारी याद
तो
जीव्हा पर आ जा...आज भी जब <br />आती है <br />तुम्हारी याद <br />तो <br />जीव्हा पर आ जाता है <br />खट्टा - मीठा सा <br />गुलमोहर का स्वाद। <br /><br /><br />आदरणीया संगीता जी ,<br />बहुत खूबसूरती से अपने यादों को संजोया है .प्रकृति और प्रेम को लेकर लिखी गयी बढ़िया कविता .विजयादशमी की हार्दिक बधाई <br />पूनमपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2082842253659772842.post-18652562066939602612009-09-28T05:06:03.340+05:302009-09-28T05:06:03.340+05:30meethee yado bharee rachana dil ko choo gaimeethee yado bharee rachana dil ko choo gaiApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.com