उजला आसमां ( काव्य - संग्रह )
>> Tuesday, January 18, 2011
पिछले अप्रैल माह की एक शाम थी... यूँ ही बैठी अपने ब्लॉग की कविताएँ उलट पलट कर रही थी .कि पीछे से बेटे ने आकर कहा - अरे इतना शौक है कविता लिखने का , अब तो एक संकलन आ ही जाना चाहिए .पता करो बाकी मैं संभाल लूँगा .... बस ...जैसे किसी ने दिल के किसी कोने में पनपती कामना को शब्द दे दिए हों.. सपनो को जैसे सीढ़ी मिल गई थी .कुछ मित्रों से जिक्र किया तो उन्होंने भी विचार को हवा देना शुरू कर दिया .और आनन् फानन में पंकज सुबीर जी ने मेरे सपनो की जीती जागती तस्वीर पेश कर दी.जिसके लिए मैं उनकी तहे दिल से आभारी हूँ .
मेरा पहला काव्य संकलन "उजला आसमाँ " प्रकाशित हो कर आ गया है , जिसकी भूमिका लिखी है.....सीहोर के यशस्वी कवि तथा साहित्यकार रमेश हठीला जी ने... बंजारे गीत पुस्तक के माध्यम से राष्ट्रीय साहित्यिक परिदृश्य पर अपनी पहचान छोड़ने वाले श्री हठीला इकसठ वर्ष के थे जिनका लम्बी बीमारी के बाद.... हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. " उजला आसमाँ " के लिए ये आशीर्वचन उन्होंने अस्पताल में ही लिखे थे |
(भूमिका के कुछ अंश.)
संगीताजी की कविताओं के माध्यम से उनकी काव्य यात्रा को जानने का अवसर मिला . संगीता जी की ये कविताएँ उस नए युग की कविताएँ हैं जहाँ पर ऐसे समय में जब इंटरनेट की कविताओं को बहुत महत्त्व नहीं दिया जा रहा है , उस समय में संगीता जी की कविताएँ साहित्य के प्रतिमानों पर खरी उतरती हुयी मानो इस बात का मुखर विरोध कर रही हैं कि इंटरनेट पर गंभीर साहित्य नहीं लिखा जा रहा है | ये सारी ही कविताएँ किसी भी साहित्यिक पत्रिका में प्रकाशित होने वाली कविताओं से किसी भी रूप में कम नहीं हैं |
इसके अलावा जो बात संगीता जी कि कविताओं में प्रमुख रूप से दिखाई देती है वो है सरोकारों के प्रति सजगता | वे साहित्य के सरोकारों को बिल्कुल भी भूली नहीं हैं , ये बात उनकी कविताओं में पता चलती है | जैसे भ्रूण हत्या पर संगीता जी कि कविता की ये पंक्तियाँ मन को एकबारगी झकझोर जाती है –
इस बार भी परीक्षण में / कन्या भ्रूण ही आ गया है / इसीलिए बाबा ने मेरी मौत पर / हस्ताक्षर कर दिया है |
संगीता जी की एक और कविता बहुत गहरे अध्ययन की मांग करती है और यह कविता है “ सच बताना गांधारी “ | इस कविता में कवयित्री अपने सर्वश्रेष्ठ को शब्दों में फूँकने में सफल रहीं हैं | पूरी कविता गांधारी को कटघरे में खड़ा करने का एक ऐसा प्रयास है जो कि पूरी तरह से सफल रहा है | कवयित्री ने गांधारी के माध्यम से जो प्रश्न उठाये हैं वे आज भी सामयिक हैं | गांधारी के चरित्र को आधार बना कर संगीता जी ने कई बहुत अच्छे प्रयोग कविता में किये हैं | और ये कविता मानों एक दस्तावेज की तरह आरोप पत्र दाखिल करती हुई गुज़रती है –
जब लडखडाते धृतराष्ट्र तो / तुम उनका संबल बनातीं / पर तुमने तो हो कर विमुख / अपने कर्तव्यों को त्याग दिया |
संगीता जी की कविताओं में नारी के स्वाभिमान के प्रति एक प्रकार की अतिरिक्त चेतना भरी हुयी साफ़ दिखाई देती है | ये कविताएँ नारी का अधिकार किसी से मांग नहीं रही हैं बल्कि नारी को ही जगा कर कह रही हैं –
और फिर ऐसे समाज की / रचना होगी / जिसमें नर और नारी की / अलग अलग नहीं / बल्कि सम्मलित संरचना / निखर कर आएगी |
संगीताजी की कविताओं में कुछ ऐसा विशिष्ट है जो उनकी कविताओं को आम कविताओं से अलग करता है | ये कविताएँ अपने समय का सही प्रतिबिम्ब प्रस्तुत करती हैं | उनके काव्य- संग्रह का शीर्षक “ उजला आसमां “ आकाश को पाने की कोशिश में समूची नारी जाति की ओर से एक कदम की तरह है | ये कदम सफल हो , मेरी शुभकामनायें |
- रमेश हठीला
..
निरन्तर लिखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने का श्रेय मेरे उन सब पाठकों को जाता है जिन्होंने अंतरजाल पर अपनी नियमित प्रतिक्रिया दे कर प्रोत्साहित किया ..मैं अपने अन्तर जाल के सभी साथियों और पाठकों के प्रति शुक्रगुज़ार हूँ.
और अब यह संकलन आपके आशीर्वाद के लिए प्रस्तुत है .इस ब्लॉग जगत ने मेरे अन्दर के रचनाकार को नए आयाम दिए हैं उसे सुनहरे पंख दिए हैं जिसके परिणाम स्वरुप मेरे सपनो की एक माला आज मेरी हथेली पर है और उसे निहारते हुए मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ .
शिवना प्रकाशन
पी सी लैब, सम्राट काम्पलेक्स बेसमेंट
बस स्टैंड सीहोर --466001 (म प्र)
पी सी लैब, सम्राट काम्पलेक्स बेसमेंट
बस स्टैंड सीहोर --466001 (म प्र)
86 comments:
बधाई ईईईईईई ....................
मिठाई ईईईईई.....................
Aaj hi salil sir se kah raha tha main..ki mumma kitab men busy hain... :) aur abhi unke ghar se laut raha hun to kitab hazir hai... :)
dher sari badhai de raha hun
dher sari mithai ki kamna men..hehe
bhut bhut badhai sangeeta ji............
आपको बहुत-बहुत बधाई , कृपया किताबों की कुछ प्रतियाँ हमें भी भेजें ।
बधाई हो
शुभकामनाएं
संगीताजी बहुत बहुत बधाई ...शुभकामनायें.....
संगीता जी
पहली किताब मुबारक हो...आपकी और किताबें भी प्रकाशित हों...यही कामना है...किताब का नाम भी बहुत ही अच्छा लगा-उजला आसमां...
बहुत ख़ूब...एक बार फिर से शुभकामनाएं स्वीकार करें...
badhaaaaaaaiiiiiiiiiiiiiii... main kab padhungi sangeeta ji?
संगीता जी ,बहुत-बहुत बधाई.आज सुबह-सुबह आपने चित्त प्रसन्न कर दिया .यह तो शुरुआत हुई है अभी ...,
अभिनन्दन आपका !
पुस्तक की समीक्षा बहुत प्रभावशाली ढंग से की गई है!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
दीदी,
बहुत बहुत बधाई!!,आपकी खुशी में हम सम्मलित है।
काव्य जगत में सदा आपकी यशस्वी उपस्थिति रहे।
संगीताजी बहुत बहुत बधाई ...शुभकामनायें.....
बहुत बहुत बधाई संगीता दी ।
पुस्तक कब पढ़ने को मिलेगी ?
"है जान से प्यारा ये दर्दे मुहब्बत..........गजल"
बहुत बहुत बधाई!
बधाई
बधाई
बधाई
बधाई
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
bahut bahut badhayi,Di ! Meri prati kab mil rahii hai mujhe ?? :)
बहुत अच्छा लगा जी, आप को बहुत बहुत बधाई,
बहुत ही सुंदर समीक्षा की गयी है...... इतने भावपूर्ण लेखन के लिये बधाई स्वीकारें.
:)
ये बात है :)
बधाई नहीं दूँगा, आप अधिकारी हैं यश की.
आशीष लूँगा हमेशा ही की तरह :)
पहले संग्रह का अलग ही आनंद होता है। बहुत बहुत बधाई संगीता जी।
संगीता जी, बहुत बहुत बधाई हो, हमें इंतज़ार रहेगा इसे पढने का!
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
अब तो हम एक शानदार विमोचन समारोह का इंतज़ार कर रहे हैं।
संगीता दी!
आज ही स्वप्निल ने बताया कि मम्मा अपने किताब के प्रकाशन में व्यस्त हैं और अभी देख रहा हूँ कि उसी का ज़िक्र है!!
बधाई...
सलिल
संगीता जी, लेखन की सफ़लता के शिखर की ओर ये क़दम मुबारक हो...
संगीता जी की ये कविताएँ उस नए युग की कविताएँ हैं जहाँ पर ऐसे समय में जब इंटरनेट की कविताओं को बहुत महत्त्व नहीं दिया जा रहा है , उस समय में संगीता जी की कविताएँ साहित्य के प्रतिमानों पर खरी उतरती हुयी मानो इस बात का मुखर विरोध कर रही हैं कि इंटरनेट पर गंभीर साहित्य नहीं लिखा जा रहा है | ये सारी ही कविताएँ किसी भी साहित्यिक पत्रिका में प्रकाशित होने वाली कविताओं से किसी भी रूप में कम नहीं हैं |
बिल्कुल सही लिखा है हठीला जी ने.
बहुत -बहुत बधाई !
पुस्तक और मनोकामना पूर्ण होने पर बढ़ाई और शुभकामना.....
आपको आपकी अपनी मेहनत और लगन का फल मिला सुन कर बहुत ख़ुशी हुई आगे भी आपको एसे ही सम्मान मिलता रहें हमारी यही कामना है !
बहुत बहुत बधाई दोस्त !
arey wahhh...dadi to celebrity ban gayi ;) mubarkaan dadi mubaarkaan.....bohot badhiya hai ye to, mujhe meri copy aur bohot saaariiii mithaai, kab mil rahi hai ;)
'उजला आसमां' के प्रकाशन की स्वप्न-पूर्ति पर आपको अनेकों बधाईयां...
बहुत-बहुत बधाई संगीता जी , नि: संदेह आपका काव्य डिजर्ब करता था किताब में संकलित होने को !
उजला आसमा ...आपके लिये यह मुबारक घड़ी लाया है ...आपके लिये ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
अरे वाह दी! बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ……………अब तो पार्टी बनती है……………हमारा तो मूँह मीठा हो रहा है अभी से……………समीक्षा ने तो बेचैनी और बढा दी है…………अब विमोचन का इंतज़ार है……………
हार्दिक बधाई स्वीकारें !
बहुत बहुत बधाई संगीता जी ! आपकी रचनाएं हैं ही इतनी सुन्दर और प्रेरक कि उनका संकलन पुस्तक रूप में पाठकों तक पहुँचना एक बहुत ही सुखद अनुभव होगा सबके लिये ! मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं स्वीकार कीजिये !
बधाई दी, निश्चित ही "उजला आसमा" आपके यश को और भी उजला बनाएगा....
आपकी कविताओं को पढ़ना अलग ही अनुभूति होती है.... आपकी यह कताब कहाँ से प्राप्त की जा सकती है, बताईयेगा जरुर.
कविवर रमेश हठीला जी को विनम्र श्रद्धांजली....
Congratulations n celebrations.. chaliye shuru ho gaya h to silsila bana rehna chahiye.. hum bhi shaan se batayenge logo ko k falaan poetess ko to hum personally jante hain :)
बहुत बहुत बधाई और शुभ-कामनाएँ ... जल्दी ही प्रति प्राप्त करने की कोशिश करूँगा ..
संगीता जी,
आपके पहले काव्य संकलन पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई . शुभकामना है की इस एक में और शून्य बढ़ते जाएँ.
बधाई हो...
हम भी को मिठाई चाहिए...
आप जैसे संवेदनशील रचनाकारों की उत्कृष्ट कृतियाँ पाकर ब्लॉग जगत उपकृत और समृद्ध है...
बहुत बहुत बधाई आपको...
पुस्तक समीक्षा बड़े ही सुन्दर ढंग से लिखी गयी है...
समाचार ने अत्यंत हर्षित किया है...
ऐसे ही सतत सुन्दर लिखती रहें और साहित्य को समृद्ध करती रहें...एक क्या अभी तो अनेक पुस्तकें लिखनी हैं आपको...
दीदी ,
फोन पे तो बधाई दे दी थी... अभी पुस्तक देख कर बहुत मजा आया ..अतुल ने भी देखी ..और उनकी तरफ़ से भी बहुत बहुत बधाई...अब मैं भी सेलिब्रिटी की बहन हूँ :)
badhaai ho badhaai........
बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई ....
संगीता जी हार्दिक बधाई !! यह आपकी प्रतिभा और लगन का प्रतिफल है जिसकी आप पूर्ण रूप से अधिकारी हैं. ईश्वर करे यह दिन बार बार आए और आपकी नयी नयी पुस्तके साहित्य कोष को यूँही समृद्ध करती रहें. बहुत सुन्दर नाम है संग्रह का "उजला आसमाँ" ...
मंजु
nice blog dear... keep posting
Lyrics Mantra
Music Bol
आसमान तो उजला होना ही था , आपकी कविता का आभामंडल हमारे जैसे पाठको के जीवन रूपी आसमान में एक नई उजाले और स्फूर्ति का उदय जैसा है .मेरी तरफ से आपको ढेर सारी बधाई . और मिठाई खाने तो मै आता हूँ जल्दी
पहले काव्य संकल्कन पर बहुत बहुत बधाई !
ढेरों बधाईयाँ आपके प्रयास को। पढ़ना है अब।
ऐसे ही सतत सुन्दर लिखती रहें
बहुत बहुत बधाई आपको...
काव्य संकलन के प्रकाशन पर
हार्दिक शुभकामनाएं
pahli kitab prakashit hone ki bahut -bahut badhyee.
पुस्तक प्रकाशन की हार्दिक बधाई.
आपकी सुन्दर कविताओं का संग्रह तो होना ही चाहिए था.
सम्माननीया संगीताजी ,
बहुत-बहुत हार्दिक बधाई !
aapko bahut bahut badhayi.
...
mere blog par
"jharna"
....
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
यदि इसमें सिर्फ ऐसी कविताओं का संकलन हो जो पहले-पहल ब्लॉग पर ही प्रकाशित हुई हों,तो यह स्वयं में एक रिकार्ड होना चाहिए।
आदरणीया संगीता आंटी..
इस सुंदर सृजन पर हार्दिक बधाईयाँ..!!
बहुत बहुत बहुत बहुत.............बधाई दी
बहुत हर्षित करने वाले समाचार है
संगीताजी बहुत बहुत बधाई ...शुभकामनायें....
हार्दिक बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप इसी तरह साहित्याकाश में दैदिप्यमान रहें।
संगीता जी,
काव्य संग्रह के लिये अनेकोनेक बधाईयाँ......
आपकी यश एवं कीर्ती चहूँओर फैले इसी मंगलकामना के साथ।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
Mummmmmmmma
bahut bahut bahut badhaaaaaayi...:D
hehhhee...
ab party due hai okies....
Dilli aaungi to meko lunch khilayiyega....:D
best wishes Mumma
charan sparsh..:)
संगीता जी,
“ उजला आसमां “ काव्य संग्रह के लिये बहुत बहुत बधाई आपको.........
संगीता जी,
“ उजला आसमां “ काव्य संग्रह के लिये बहुत -बहुत बधाई !
देर से ही सही बहुत-बहुत बधाई।
आपकी कविता शब्द, भाव,संवेदना हर कसौटी पर खरी उतरती है जो सीधे पाठक के दिल में जगह बना लेती है... काव्य संकलन के लिए हार्दिक बधाई....
संगीता जी ,
काव्य संग्रह प्रकाशन पर मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें
संगीता जी इस पुस्तक के प्रकाशन के लिये बहुत बहुत बधाई। और अगली पुस्तक के प्रकाशन के लिये अग्रिम बधाई स्वीकार करें।
संगीताजी बहुत बहुत बधाई ...शुभकामनायें
bahut bahut badhai .
आपको बहुत बहुत बधाई । हमे आपकी पुस्तक पढने का इन्तजार है
बहुत-बहुत बधाई.आज सुबह-सुबह आपने प्रसन्न कर दिया .......
अभिनन्दन आपका !
heartiest congratulations didi.....
संगीता जी,
काव्य संग्रह के लिये बहुत बहुत बधाई
Pustak prakashan par hardik badhaai aur bhwishya men aur bhi sangrah prakashan ke liye shubhkamnaayen.
bahut bahut badhai sangita ji..
उजला आसमां के प्रकाशन के लिए आपको बहुत बहुत बधाई।
मेरी शुभकामना है कि आप निरंतर लिखती रहें और हमें अपनी रचनाओं का काव्यास्वादन कराती रहें।
हठीला जी को नमन एवं श्रद्धांजलि।
badhaaee sweekare............
blog par nahee aa paee isee se itana vilamb ho gayaa........
shikayatkhushiya baatne se badtee hai aisaa mera maanna hai......hai . mail karna tha na?
अरे वाह ......
संगीता जी ...खबर तक न होने दी आपने ....
और किताब छप के सामने है .....
बस जी दुआ है ये आसमान यूँ ही उजला रहे ....
आपके आँगन का .....
उजला आसमॉ प्रथम काव्य कृति की बधाई। आपका दूसरा काव्य संकलन इस वर्षान्त तक प्रकाशित हो, यह कामना है।
adarniya sangeeta ji ,
bachcha kafi samay se aapke ashirvad se vanchit hai.agar koi anjani bhool hui ho to maaf karen.
apna snehsikt ashirvad jaroor dene
ki kripa karen.
अरे वाह प्रथम काव्य संग्रह - मेरी हार्दिक बधाई ! प्रति लेने के लिए तो दिल्ली आना ही पड़ेगा क्योंकि मिठाई भी खानी बाकी है.
फिर एक बार बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.
काव्य संकलन के प्रकाशन पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.
bahut bahut badhayi...bahut bekarari se intzar hai aapke sanklan ka.
पूर्व भी मैंने आपके इस नए पुस्तक के बारे में लिखे गए हठीला जी की समीक्षा पड़ी थी ... बेहद प्रसन्नता है कि हमारी संगीता जी कि किताब हमें पढ़ने को मिलेगी... किन्तु यह पोस्ट मेरी नजरो में नहीं आई... अतः देरी के लिए क्षमा...
और पुनः आपको बधाई...
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