आज़ादी के 75 वर्ष
>> Sunday, August 14, 2022
आज़ादी के पिचहत्तर वर्ष
दिखता चेहरे पर सबके हर्ष
नाम दिया अमृत महोत्सव
मना रहे हम राष्ट्र उत्सव ।
एक उत्साह है ,एक जुनून है
घर घर पहुँचे तिरंगा अपना
हर घर में बस खुशहाली हो
बस इतना ही तो है एक सपना ।
देश की समृद्धि के लिए
कुछ तो तुम भी त्याग करो
खून बहाया वीरों ने अपना
उनको भी तो याद करो ।
आज़ादी के दीवानों ने
जान की बाज़ी लगाई थी
युवा चेतना ने जैसे
ली एक अंगड़ाई थी ।
आज उन्हीं वीरों को तुम
आतंकी तक कह देते हो
ऐसा सुन कर भला कैसे
तुम ठंडे ठंडे रह लेते हो ?
आज महोत्सव की पूर्व सांझ पर
बस इतना ही तो कहना है ,
अधिकार निहित कर्तव्यों में
बस उस पर ही तो चलना है ।
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आज उन्हीं वीरों को तुम
आतंकी तक कह देते हो .....
इस बात की पुष्टि के लिए श्री हरिओम पंवार जी को सुनिए ----