दीवानगी ---------
>> Monday, August 31, 2009
कहते हैं लोग कि-
हम किसीको
दीवानों की तरह
प्यार करते हैं
किसी पर
दिल - औ - जाँ से
मरते हैं
पर प्यार के बदले
कुछ पाने की
चाह भी रखते हैं .
तो फिर ये
कैसी दीवानगी है--
जो ख्वाहिशों से
भरी है
पूरी न हो ख्वाहिशें
तो
ज़िन्दगी अधूरी है .
दीवानगी तो थी
मीरा की
जिसने प्रेम में
गरल भी पिया था
हर इल्जाम
अपने सिर लिया था
कुछ पाने की
ख्वाहिश नहीं थी
बस समर्पण ही किया था.. Read more...