कविता कहाँ है ?????????
>> Friday, April 26, 2013
आठ - नौ साल की बच्ची
माँ की उंगली थाम
आती है जब मेरे घर
और उसकी माँ
उसके हाथों में
किताब की जगह
पकड़ा देती है झाड़ू
तब दिखती है मुझे कविता ।
अंधेरी रात के
गहन सन्नाटे को
चीरती हुई
किसी नवजात बच्ची की
आवाज़ टकराती है
कानो से
जिसे उसकी माँ
छोड़ गयी थी
फुटपाथ पर
वहाँ मुझे दिखती है कविता ॰
कूड़े के ढेर पर
कूड़ा बीनते हुये
छोटे छोटे बच्चे
लड़ पड़ते हैं
और उलझ जाते हैं
पौलिथीन पाने के लिए
उसमें दिखती है कविता ।
व्याभिचार ही व्याभिचार
बलात्कार ही बलात्कार
सोयी हुई व्यवस्था
अनाचार ही अनाचार
मरी हुई संवेदनाएं
भाषण पर भाषण
भूख पर राशन
निर्लज्ज प्रशासन
लाचार कानून
अब मुझे नहीं दिखती
कहीं कोई कविता ।