पीड़ा गत वर्ष की
>> Thursday, December 30, 2010
गत वर्ष जाते -जाते
नव वर्ष के कान में
अपनी पीड़ा यूँ कह गया
कि आज तुम्हारा
स्वागत हो रहा है
तो इतराओ मत
मैं भी पिछले साल
यूँ ही इतराया था
और खुद को यूँ
भरमाया था.
पर भूल गया था
कि बीता वक़्त
कभी लौट कर नही आता
तुम भी आज खूब
जश्न मना लो
क्यों कि जो
आज तुम्हारा है
वो कल तुम्हारा नही होगा
आज जहाँ मैं खड़ा हूँ
कल तुम वहाँ होंगे
और जहाँ आज तुम हो
वहाँ कल कोई और होगा .
92 comments:
बहुत बढ़िया रचना है।गहरे भाव!
कविता के माध्यम से सुन्दर सीख दी है आपने!
वनवर्ष आपको मंगलमय हो!
कविता के माध्यम से सुन्दर सीख दी है आपने!
नववर्ष आपको मंगलमय हो!
सच कहा है आपने, हर आने वाला जाने के लिये ही आता है, यह याद रखें तो कितना सरल हो जाये जीवन!
कुछ पंक्तियाँ याद आ गईं
कल और आयेंगे नगमों की,खिलती कलियाँ चुनने वाले.
मुझसे बेहतर कहने वाले तुमसे बेहतर सुनने वाले.
एकदन सही बात कही आपने.
सही कहा आपने संगीताजी!..समय का चक्र तो अविरत चल ही रहा है! कितने ही... युग आए और युग चले गए!
नववर्ष आपको मंगलमय हो!
आने वाला कल भी जाने वाला है...
नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो...
itrane do di....sayad iss naye varsh ke itrane se hamara aane wala samay khushnuma ho jaye...:)
hai na...........
nav varsh ki bahut bahut subhkamnayen..
सच्चाई से लबरेज़.
समझने योग्य गहरी बात.
नए साल की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत गहरा भाव एवँ सार है आपकी पँक्तियोँ मेँ ।
नववर्ष की शुभकामनायेँ।
आपका मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
" नज़रेँ मिलाके ना नज़रेँ झुकाओँ.........गजल "
बहुत ही खूबसूरत शब्दो के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ....नववर्ष की शुभकामनायें ...।
बहुत सार्थक कटु सत्य.बहुत प्रभावशाली अभिव्यक्ति. नववर्ष के लिए हार्दिक शुभकामनाएं !
विगत की पीड़ा, आगत का सुख, जीवन का यही स्वरूप।
और यही हर इंसान की ज़िन्दगी का सच है……………सुन्दर प्रस्तुति।
भविष्य का वर्तमान बनना और वर्तमान का अतीत बनना ही समय चक्र का नियम है ! इस नियम के माध्यम से आपने बहुत सुन्दर सीख दी है संगीता जी ! आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ! नवीन वर्ष आपके लिये हर प्रकार से मंगलमय एवं कल्याणकारी हो यही कामना है ! सुंदर रचना के लिये आभार एवं धन्यवाद !
गीतासार याद दिला गयी..............आपकी यह रचना
अक्षरशः सही अनुभूति वक़्त को ले कर
वाह जी बहुत सुंदर जी, धन्यवाद
जायज है आपकी पीडा। आने वाले वर्ष आपके जीवन में नई नई उपलब्धियां लाए, यही कामना है।
---------
साइंस फिक्शन और परीकथा का समुच्चय।
क्या फलों में भी औषधीय गुण होता है?
jane wale varsh ki sahi naseehat nav varsh ko...
waqt ka har shay gulam...
bhavpoorn rachna.
बहुत ही खूबसूरत शब्दो के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ....नववर्ष की शुभकामनायें ...
संगीता जी , बहुत ही अछि कविता. सुंदर भावों के साथ .....नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं .
सही कहा..बिलकुल सही...यही भाव मेरे मन में भी आ रहे थे...
सारगर्भित बहुत ही सुन्दर रचना...
बिलकुल ठीक-सटीक बात -
नववर्ष की शुभकामनाएं
बेहतरीन अभिव्यक्ति.......
इश्वर से प्रार्थना है की आपका नववर्ष मंगलमय हो और आप इसी प्रकार हमें अपनी बेहतरीन कविताओं के माध्यम से मार्गदर्शन प्रदान करते रहें !!
पर भूल गया था
कि बीता वक़्त
कभी लौट कर नही आता
तुम भी आज खूब
जश्न मना लो
क्यों कि जो
आज तुम्हारा है
वो कल तुम्हारा नही होगा
आज जहाँ मैं खड़ा हूँ
कल तुम वहाँ होंगे
और जहाँ आज तुम हो
वहाँ कल कोई और होगा
बेहतरीन अभिव्यक्ति...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
bahut hi sundar kavita....
happy new year..
दर्पण से परिचय
vaah, idhar to ekdampyari-dulari kavitaa dikh rahi hai. shubhkamanaye.
``वनवर्ष ''
ऊपर शास्त्री जी को वनवर्ष शब्द प्रयोग करते देख पहले तो चौंका, फिर उसके नीचे एक और संदेश देखा, पर पहला संदेश यथावत,जबकि एक और मिटा दिया जा चुका था, तो लगा कि एक कवि की लेखनी से निकला यह शब्द ग़लत हो नहीं सकता फिर इसका अर्थ होगा क्या? सोचने लगा तो उत्तर स्पष्ट हुआ ... अब देखिए ना जो वर्ष “1-1-11'' से शुरु हो वउसे कवि हृदय “वन” वर्ष कह बैठा ,...! तो संगीता जी “वन” वर्ष आपको भी मंगलमय और ख़ुशियों से भरा हो!w
Satya h k jo aaj hai wo kal nahi hoga.. magar behtari isi me hai k bhavishya ki chinta bhul k aaj ka jashn mana lia jae... naye varsh pe to aaj kal sabhi likh rahe hain.. jaate huye varsh ko samarpit ye kavita aapke bhavuk hone ka suboot deti hai :)
गीत की अनुभूतियाँ पर गीता का सा उपदेश देती वन-वर्ष (१.१.१.११ ) की ये रचना बहुत अच्छी लगी.
बधाई.
नव वर्ष आप सब के लिए मंगलमय हो.
Yahi hai,yahi hai,yahi hai samay kee reet!
संगीता दी!
सिर्फ दो वर्षों की संधि पर यहआलाप नहीं है.. अपितु मनुष्य मनुष्य पर भी लागू होता है.. आज जहाँ तुम हो, कल कोई और था और कल कोई और होगा...
बुलंदी कब तलक इक श्ख्स के हिस्से में होती है,
बड़ी ऊँची इमारत हर समय ख़तरे में होती है!
हर आने वाले को एक दिन जाना ही पड़ता है | सही कहा मनोज जी ने ये तो वन वर्ष ही है तो वन और नव वर्ष की शुभकामनाये |
jeevan ki asli sachchyee to yahi hai.ek seedhi aur saral baat yad dila di.
सभी पाठकों का हृदय से आभार ...
सलिल जी ,
आपने सही कहा , इस रचना में एक छुपा हुआ सन्देश है ..जो आपने उजागर कर दिया है .. शुक्रिया
sangeeta di.....aapko naw warsh ki dherooo shubhkaamnaayen......:)..:)
aapke is geet se nyaa saal bhi kush ho jaayega...:)
take care
आप की बात बिलकुल ठीक .मैंने पिछली बार और इस बार भी पहले पुराने वर्ष को सम्मान पूर्वक बिदाई दी .उसके बाद नए का स्वागत !
आपको नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं ! यह नव वर्ष आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करे ।
बेहतरीन अभिव्यक्ति...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
इसको पढ़ते ही कुछ पंक्तियाँ याद आयी , देखा तो सिखा पहले ही लिख चुकी थी कमेन्ट में ...
बीता हुआ समय कभी नहीं आता ...
अच्छे समय को देख ना इतराया जाने
ना बुरे वक़्त पर भी यूँ बिगड़ा जाए
क्योंकि
जो आज है , वो कल नहीं होगा ..
सार्थक सन्देश !
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !
बिलकुल सही कहा..सार्थक अभिव्यक्ति
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...!!
सुन्दर और सार्थक सन्देश देती हुई कविता . वक्त का पहिया नए साल की तरफ चल रहा है . आपको नए साल की हार्दिक शुभकामनाये .
नए साल पर हार्दिक शुभकामना .. आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई ..आज (31-12-2010) चर्चामंच पर आपकी यह पोस्ट / रचना है .. http://charchamanch.uchacharan.blogspot.com.. पुनः नववर्ष पर मेरा हार्दिक अभिनन्दन और मंगलकामनाएं |
sundar abhivyakti,
आप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं !
आने बाला बर्ष आप के जीवन में नयी उमंग और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! आप परिवार सहित स्वस्थ्य रहें एवं सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचे !
नवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित
संजय कुमार चौरसिया
बहुत अच्छा लिखा है आपने |बहुत बहुत बधाई
नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
आशा
चूँकि अब धीरे-धीरे हम सब एक बिलकुल नए-नवेले साल २०११ में पदार्पण करने जा रहे है,
अत: आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की शुभकामनाये प्रेषित करता हूँ ! भगवान् करे आगामी साल सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!
नोट: धडाधड महाराज की बेरुखी की वजह से ब्लोगों पर नजर रखने हेतु आपके ब्लॉग को मै अपने अग्रीगेटर http://deshivani.feedcluster.com/ से जोड़ना चाह रहा हूँ, जिसके लिए आपकी ईमेल आई डी चाहिए ,अगर कोई ऐतराज न हो तो कृपया उपरोक्त अग्रीगेटर पर खुद login करके अथवा godiyalji@gmail.com पर बताने का कष्ट करे !
समय का चक्र चलता ही रहेगा!
सुन्दर रचना!
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
नव वर्ष 2011
आपके एवं आपके परिवार के लिए
सुखकर, समृद्धिशाली एवं
मंगलकारी हो...
।।शुभकामनाएं।।
सच कहा आपने हर आने वाला पल को जाना ही है ...
नय वर्ष आपको सपरिवार सुख एवं सम्रिधि प्रदान करे !
सुंदर रचना के लिए साधुवाद ढ़ेर सारी बधाईयाँ.
नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !
नववर्ष पर हार्दिक शुभकामनाये और बधाई .....
आपने कविता के माध्यम से सच्चाई से परिचय करवाया। बहुत ख़ूब.......
आप व आपके परिवार वालो को नववर्ष के अवसर
शुभकामनाएँ..........................
कविता के माध्यम से सुन्दर सीख दी है आपने!
नववर्ष आपको मंगलमय हो!
सुन्दर और सत्याभिव्यक्ति...!!
आपको नव वर्ष की सादर शुभकामनाएं.
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
आपको तो सदैव ही हमारी शुभकामनाएं रहती है यह पाश्चात्य नव-वर्ष का प्रथम दिन है, अवसरानुकूल है आज शुभेच्छा प्रकट करूँ………
आपके हितवर्धक कार्य और शुभ संकल्प मंगलमय परिपूर्ण हो, शुभाकांक्षा!!
आपका जीवन ध्येय निरंतर वर्द्धमान होकर उत्कर्ष लक्ष्यों को प्राप्त करे।
संगीता जी,
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
नववर्ष में हमें करना है – एक ‘संकल्प’;
खेलेंगे जरूर ‘खेल जिंदगी का’ क्योकि ,
नहीं है कोई इसका – ‘विकल्प’.
कोई फर्क नहीं पड़ता यहाँ– ‘जर्सी का’
वह लाल हो या पीली, हरी हो या नीली.
वह अध्यात्म की हो, या विज्ञान की ,
किसी संतरी की हो या किसी मंत्री की.
यहाँ शर्त बस एक ही है, बस एकही
खुला रखेंगे दरवाजा - ‘बुद्धि का’,
झरोखा ‘ज्ञान का’, खिड़की ‘विवेक की ’.
नहीं होगा वहाँ कोई ‘झीना’ पर्दा भी ;
किसी ‘भ्रम का’,‘विभ्रम का’,‘लोभ का’…
नववर्ष में हमें करना है – एक ‘संकल्प’;
खेलेंगे जरूर ‘खेल जिंदगी का’ क्योकि ,
नहीं है कोई इसका – ‘विकल्प’.
कोई फर्क नहीं पड़ता यहाँ– ‘जर्सी का’
वह लाल हो या पीली, हरी हो या नीली.
वह अध्यात्म की हो, या विज्ञान की ,
किसी संतरी की हो या किसी मंत्री की.
यहाँ शर्त बस एक ही है, बस एकही
खुला रखेंगे दरवाजा - ‘बुद्धि का’,
झरोखा ‘ज्ञान का’, खिड़की ‘विवेक की ’.
नहीं होगा वहाँ कोई ‘झीना’ पर्दा भी ;
किसी ‘भ्रम का’,‘विभ्रम का’,‘लोभ का’…
संगीता माँ,
नमस्ते!
आने वाला पल..... जाने वाला है!
स्वाद आया... सीख मिली!
आभार.
आशीष
---
हमहूँ छोड़के सएई दुनिया पागल!!!
priya maim,
pranam
nav varsh ki dher sari shubhkamnayen , sargarbhit rachana
jivan darshan ,ko pratibimbit kar
gaya /mangal ho nav varsh .
आज तुम्हारा
स्वागत हो रहा है
तो इतराओ मत
मैं भी पिछले साल
यूँ ही इतराया था
और खुद को यूँ
भरमाया था. ..
yahi silsila chalta rahta hai, hum sankalpit hote hain aur jab chaaha usse vimukh ho jate hain
Naya saal bahut mubarak ho!
सच्ची अनुभूति।
सच्ची अनुभूति।
आज जहाँ मैं खड़ा हूँ
कल तुम वहाँ होंगे
और जहाँ आज तुम हो
वहाँ कल कोई और होगा।
एक शाश्वत सत्य को अभिव्यक्ति दी है आपने अपनी इस सार्थक कविता में।...बहुत सुंदर कविता।
.......
नव-वर्ष मंगलमय हो।
sangeeta ji !! पुनः आपको नववर्ष की मंगलकामनाएं...
बहुत खूब ... ये हम सब का ही कसूर है जो समय को इतना खराब कर देते हैं अपने स्वार्थ के चलते ....
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...
हम तो belated बधाई देने आये थे, आपने तो फलसफाई सुना कर डरा दिया ;)
खैर .. शुभम ...
sangeeta ji , jaane kyun jab jab aapki photo dekhti hoon mujhe apni bachpan ki friend ki yaad aa jaati hai ,, wo bhi kuch kuch aisi hi dikhti thi ... ab wo kahan hai ye tou pata nahin .. par uski yaad hamesha mere sath hai ,... maje ki baat ye hai ki uska naam bhi sangeeta hi hai ..kahn wo aap hi tou nahin ..?
सही है
उत्थान और पतन जीवन के अभिन्न अंग हैं
नववर्ष की शुभकामनाएँ
संगीता जी, मन को छू गये आपके भाव। हार्दिक शुभकामनाएं।
---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?
बढ़िया रचना.
बढ़िया रचना.
सही है... बीतते समय की यही भावना होती है... पर मुझे लगता है कि वो हमेश समझाता है कि हमें आनेवाले समय का स्वागत करना चाहिए...
एकदन सही बात कही आपने. आपको नववर्ष की मंगलकामनाएं.
शिक्षाप्रद है, हर जाने वाला सिखा के जाता है और हर आनेवाला उम्मीदे लेकर आता है।
खूबसूरत शब्दो के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति
सुन्दर और सार्थक सन्देश देती हुई कविता .आपको नव वर्ष की सादर शुभकामनाएं ||
bahut hi behetreen abhivyakti di
seekh deti hui
aapko nav varsh ki hardik shubkamnaye
संगीता जी यही तो सृष्टि का नियम है. सर्जन और सर्जन के बाद विसर्जन, जो आया है सो जायेगा लेकिन जो ख़त्म हुआ वो फिर यहीं उगेगा इस माटी में....ये तो नियति का चक्र है. बस अहम् को किनारे कर सब समभाव से स्वीकार कर सकें ये याद रखना आवश्यक है, और यह सीख आपकी रचना से बखूबी मिलती है
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
सादर
मंजु
sach kaha gaya hai mere upar wale post me, srijan aur fir visarjan..:)
happy new year di......
अच्छी रचना , शुभकामनायें !
kisi k jaane ka bhi jashn manaya jaata hai.........
bachchan sahib ne sahi kaha tha....."swagat ke hi saath wida ki hoti dekhi taiyaari..."..........
माली आवत देख के कलियन करे पुकारि
फूले-फूले चुन लिये, कल अपनी भी बारि.
वाह !!!!
माली आवत देख के कलियन करे पुकारि
फूले-फूले चुन लिये, कल अपनी भी बारि.
वाह !!!!
शुभकामनाएं..
सादर नमन
सही कहा बीता वक्त लौटकर नहीं आता ..
जिन्दगी की कितनी ही सीख और संदेश छुपे हैं इस रचना मेंऔर कितने सालों बात 11 से 22तक पूरे समय पर खरी उतरी है आज पर भी ..
लाजवाब सृजन।
नववर्ष की कग्रिम शुभकामनाएं।
अग्रिम*
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