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शुभ हो बसंत ...

>> Saturday, February 5, 2022




 पीत  वसन 


उल्लसित मन 


बसंत आया ।



खिली फ़िज़ा 


महकी बगिया 


बसंत आया ।



सांकल खोलो 


मन के द्वार की 


बसंत आया ।



मदन का रंग 


सरसों संग 


बसंत आया ।



फूलों की गंध 


मदमस्त रंग 


बसंत आया ।



बौराये भँवरे 


उड़ी तितलियाँ 


कि बसंत आया ।



उम्र के हर पड़ाव पर 


हम तुम संग - संग 


कि बसंत आया ।



बसंत पंचमी 


हम दोनों की 


शुभ हो कि 


बसंत आया ।






46 comments:

Sudha Devrani 2/05/2022 7:15 PM  

सांकल खोलो
मन के द्वार की
बसंत आया ।
बस मन के द्वार खोलना जरूरी है बसंत सी खुशियों के लिए...
वाह!!!
बासंती छटा बिखेरता लाजवाब सृजन
बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएं।

उषा किरण 2/05/2022 7:17 PM  

बहुत सुन्दर 💕💕

Amrita Tanmay 2/05/2022 8:15 PM  

ये बसंत तो खुद ही छलक-छलक बन छंद चला। मंद-मंद मन भी नाच रहा है।सच में भाँवर पड़ने की, रास रचाने की शुभ घड़ी आई है। शुभ हो बसंत।

Sweta sinha 2/05/2022 8:30 PM  

प्रकृति ने ली
मादक अंगडाई
बसंत आया।

मद बरखा
सिंदूरिया मौसम
बसंत आया।

प्रीत कुंकुम
भरूँ माँग अपनी
बसंत आया।
-------
अति सुंदर बासंती सृजन प्रिय दी,मन प्रफुल्लित हुआ रचना पढ़कर।
ईश्वर आपके जीवन में बसंत के रंग आजीवन चटख बनाये रखैं।
अशेष शुभकामनाएँ दी

प्रणाम
सादर।

मन की वीणा 2/05/2022 9:50 PM  

वाह! बसंत से सराबोर मोहक छटा बिखेरती मंजुल लघु रचनाएं सभी अपने आप में पूर्ण।
अभिनव सृजन।

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/05/2022 11:43 PM  

@ मोनिका ...आभार
@ सुधा जी .... खुले मन से बसंत स्वीकारा जाता है .... प्रतिक्रिया के लिए आभार

@ उषा जी ..... बहुत शुक्रिया ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/05/2022 11:48 PM  

@ अमृता जी ,
आपने सही कहा कि भाँवर पड़ने की शुभ घड़ी आयी है ।बस है कि जगह थी ..... 46 साल पहले बसन्त पंचमी के दिन 5 फरवरी को भाँवर ही पड़ी थीं 😄😄😄।
प्यारी प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/05/2022 11:51 PM  

प्रिय श्वेता ,

प्रीत कुंकुम
भरूँ माँग अपनी
बसंत आया।
बहुत खूबसूरत पँक्तियाँ । शुभकामनाओं के लिए आभार ।
सस्नेह

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/05/2022 11:53 PM  

@ कुसुम जी ,
आपकी प्रतिक्रिया मिली , बसंत ऐसे ही खिल गया । आभार ।

Ravindra Singh Yadav 2/06/2022 12:09 AM  

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर रविवार 06 फ़रवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

!

shikha varshney 2/06/2022 12:35 AM  

इतनी सुन्दर पंक्तियों के बाद भी बसंत न आये तो... मजाल उसकी !

वाणी गीत 2/06/2022 7:41 AM  

वाह! क्या खूबसूरत आया वसंत!

संजय भास्‍कर 2/06/2022 7:45 AM  

बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएं 👍

आलोक सिन्हा 2/06/2022 10:17 AM  

बहुत बहुत सुन्दर रचना

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/06/2022 11:41 AM  

शिखा ,
ज़बरदस्ती ला कर रहेंगे 😄😄😄😄😘😘😘😘

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/06/2022 11:42 AM  

वाणी गीत
बहुत आभार

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/06/2022 11:42 AM  

संजय ,
हार्दिक धन्यवाद

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/06/2022 11:44 AM  

आलोक जी ,
आपकी सराहना से रचना भी बासंती हो गयी । आभार ।

Manisha Goswami 2/06/2022 1:25 PM  

बहुत ही खूबसूरत सृजन

Prakash Sah 2/06/2022 10:40 PM  

मनमोहक रचना।
आपको बसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/07/2022 11:37 AM  

@ प्रिय मनीषा

@@ प्रकाश शाह जी

@@@ रोहिताश जी
आप सभी का हार्दिक आभार ।

जिज्ञासा सिंह 2/07/2022 11:22 PM  

बसंती रंग में सराबोर सुंदर रचना । बसंत ऋतु की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आदरणीय दीदी 🏵️🏵️🌻🌻

Gajendra Bhatt "हृदयेश" 2/08/2022 10:38 AM  

बहुत खूब संगीता जी, बसन्त की भीनी सुगन्ध बिखेरती सुन्दर रचना!

Anita 2/08/2022 11:02 AM  

वाह! वसंत के आगमन की खबर देते इतने सारे अनुपम बिंबों से सजी सुंदर रचना!

girish pankaj 2/08/2022 11:42 AM  

बहुत सुंदर। बधाई।

girish pankaj 2/08/2022 11:43 AM  

शानदार।

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/08/2022 12:25 PM  

@ प्रिय जिज्ञासा ,
@@ गजेंद्र जी
@@@ अनिता जी
@@@@ गिरीश जी

आप सभी का हार्दिक आभार ।

दिगम्बर नासवा 2/11/2022 2:15 PM  

हाइकू के अंदाज़ में बेहतरीन तरीके से बसंत के विस्तार को इन छोटी छोटी पंक्तियों में उतार दिया आपने ... लाजवाब सृजन ...

Jyoti Dehliwal 2/11/2022 4:52 PM  

बसंत का बहुत ही सुंदर वर्णन।

Rohitas Ghorela 2/11/2022 8:51 PM  

बहुत प्यारी पंक्तियां।
सुंदर रचना।

नई पोस्ट- CYCLAMEN COUM : ख़ूबसूरती की बला

Amrita Tanmay 2/14/2022 10:55 PM  

आप पूरी तरह से स्वस्थ रहें। हार्दिक प्रार्थना यही है। वैसे आपको फिर से शुभकामना भी कहना था जो उपर आपने भाँवर वाली बात कही थी। लेकिन पहले आप जल्द ठीक हों।

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार 2/15/2022 9:24 AM  

सादर प्रणाम आदरणीया
बसंत का चित्रण करती सुंदर रचना
पढ़ कर हृदय आनंदित हो गया

साधुवाद
मंगलकामनाएं
🌹🌻🌷

Madhulika Patel 2/16/2022 1:22 AM  

बहुत सुंदर और बहुत प्यारी रचना,

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/16/2022 11:43 AM  

आप सभी का हार्दिक आभार 🙏🙏🙏🙏

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/16/2022 11:45 AM  

राजेन्द्र जी
बहुत समय बाद आपका मेरे ब्लॉग पर आना हुआ।
आभार
आने अपने ब्लॉग पर 2017 के बाद कोई रचना नहीं पोस्ट की है । कृपया नियमित रहिये ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/16/2022 11:47 AM  

अमृता जी ,
आपकी शुभकामनाएँ तो बिना दिए भी मुझ तक पहुँच जाती हैं ।
आपका ये स्नेह स्वस्थ रहने की प्रेरणा दे रहा है ।
🙏🙏🙏🙏

Jyoti khare 2/18/2022 12:17 PM  

बसंत पर लिखी बहुत अच्छी और सुंदर रचना
सादर

Meena Bhardwaj 2/19/2022 2:16 PM  

सांकल खोलो
मन के द्वार की
बसंत आया ।
अत्यंत मनोरम भावों को समाहित किये लाजवाब कृति ।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ मैम 💐

Jyoti Dehliwal 2/20/2022 7:41 PM  

बहुत सुंदर सृजन, संगीता दी।

रेणु 2/24/2022 10:11 PM  

बहुत सुन्दर प्रस्तुति प्रिय दीदी 👌👌👌
बासंती दृश्यों को जीवन्त करते और मन को आनंद से भरते सुन्दर बंध पढ़कर अच्छा लगा 👌👌। बसन्त एक मौसम नहीं वरन एक सुखद अनुभूति है। हार्दिक आभार और शुभकामनाएं आपको 🙏🙏🌷🌷

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/26/2022 1:46 PM  

@ ज्योति खरे जी
@@ मीना भारद्वाज
@@@ ज्योति
@@@@ प्रिय रेणु
आप सबका हृदयतल से आभार ।

Harash Mahajan 2/28/2022 9:23 AM  

'मद बरखा
सिंदूरिया मौसम
बसंत आया।"

बहुत ही बेहतरीन हायकू पुंज

अति ऊत्तम सृजन संगीता जी

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