चेहरे बदल के मिलता है
13 years ago
पीत वसन
उल्लसित मन
बसंत आया ।
खिली फ़िज़ा
महकी बगिया
बसंत आया ।
सांकल खोलो
मन के द्वार की
बसंत आया ।
मदन का रंग
सरसों संग
बसंत आया ।
फूलों की गंध
मदमस्त रंग
बसंत आया ।
बौराये भँवरे
उड़ी तितलियाँ
कि बसंत आया ।
उम्र के हर पड़ाव पर
हम तुम संग - संग
कि बसंत आया ।
बसंत पंचमी
हम दोनों की
शुभ हो कि
बसंत आया ।
© Blogger template Snowy Winter by Ourblogtemplates.com 2009
Back to TOP
46 comments:
बहुत सुंदर
सांकल खोलो
मन के द्वार की
बसंत आया ।
बस मन के द्वार खोलना जरूरी है बसंत सी खुशियों के लिए...
वाह!!!
बासंती छटा बिखेरता लाजवाब सृजन
बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएं।
बहुत सुन्दर 💕💕
ये बसंत तो खुद ही छलक-छलक बन छंद चला। मंद-मंद मन भी नाच रहा है।सच में भाँवर पड़ने की, रास रचाने की शुभ घड़ी आई है। शुभ हो बसंत।
प्रकृति ने ली
मादक अंगडाई
बसंत आया।
मद बरखा
सिंदूरिया मौसम
बसंत आया।
प्रीत कुंकुम
भरूँ माँग अपनी
बसंत आया।
-------
अति सुंदर बासंती सृजन प्रिय दी,मन प्रफुल्लित हुआ रचना पढ़कर।
ईश्वर आपके जीवन में बसंत के रंग आजीवन चटख बनाये रखैं।
अशेष शुभकामनाएँ दी
प्रणाम
सादर।
वाह! बसंत से सराबोर मोहक छटा बिखेरती मंजुल लघु रचनाएं सभी अपने आप में पूर्ण।
अभिनव सृजन।
@ मोनिका ...आभार
@ सुधा जी .... खुले मन से बसंत स्वीकारा जाता है .... प्रतिक्रिया के लिए आभार
@ उषा जी ..... बहुत शुक्रिया ।
@ अमृता जी ,
आपने सही कहा कि भाँवर पड़ने की शुभ घड़ी आयी है ।बस है कि जगह थी ..... 46 साल पहले बसन्त पंचमी के दिन 5 फरवरी को भाँवर ही पड़ी थीं 😄😄😄।
प्यारी प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार ।
प्रिय श्वेता ,
प्रीत कुंकुम
भरूँ माँग अपनी
बसंत आया।
बहुत खूबसूरत पँक्तियाँ । शुभकामनाओं के लिए आभार ।
सस्नेह
@ कुसुम जी ,
आपकी प्रतिक्रिया मिली , बसंत ऐसे ही खिल गया । आभार ।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर रविवार 06 फ़रवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
इतनी सुन्दर पंक्तियों के बाद भी बसंत न आये तो... मजाल उसकी !
वाह! क्या खूबसूरत आया वसंत!
बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएं 👍
बहुत बहुत सुन्दर रचना
रविन्द्र जी
आभार
शिखा ,
ज़बरदस्ती ला कर रहेंगे 😄😄😄😄😘😘😘😘
वाणी गीत
बहुत आभार
संजय ,
हार्दिक धन्यवाद
आलोक जी ,
आपकी सराहना से रचना भी बासंती हो गयी । आभार ।
बहुत ही खूबसूरत सृजन
मनमोहक रचना।
आपको बसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
सुंदर प्यारी रचना।
समय साक्षी रहना तुम by रेणु बाला
@ प्रिय मनीषा
@@ प्रकाश शाह जी
@@@ रोहिताश जी
आप सभी का हार्दिक आभार ।
बसंती रंग में सराबोर सुंदर रचना । बसंत ऋतु की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आदरणीय दीदी 🏵️🏵️🌻🌻
बहुत खूब संगीता जी, बसन्त की भीनी सुगन्ध बिखेरती सुन्दर रचना!
वाह! वसंत के आगमन की खबर देते इतने सारे अनुपम बिंबों से सजी सुंदर रचना!
बहुत सुंदर। बधाई।
शानदार।
@ प्रिय जिज्ञासा ,
@@ गजेंद्र जी
@@@ अनिता जी
@@@@ गिरीश जी
आप सभी का हार्दिक आभार ।
basant ka achha chitran
हाइकू के अंदाज़ में बेहतरीन तरीके से बसंत के विस्तार को इन छोटी छोटी पंक्तियों में उतार दिया आपने ... लाजवाब सृजन ...
बसंत का बहुत ही सुंदर वर्णन।
बहुत प्यारी पंक्तियां।
सुंदर रचना।
नई पोस्ट- CYCLAMEN COUM : ख़ूबसूरती की बला
आप पूरी तरह से स्वस्थ रहें। हार्दिक प्रार्थना यही है। वैसे आपको फिर से शुभकामना भी कहना था जो उपर आपने भाँवर वाली बात कही थी। लेकिन पहले आप जल्द ठीक हों।
सादर प्रणाम आदरणीया
बसंत का चित्रण करती सुंदर रचना
पढ़ कर हृदय आनंदित हो गया
साधुवाद
मंगलकामनाएं
🌹🌻🌷
बहुत सुंदर और बहुत प्यारी रचना,
आप सभी का हार्दिक आभार 🙏🙏🙏🙏
राजेन्द्र जी
बहुत समय बाद आपका मेरे ब्लॉग पर आना हुआ।
आभार
आने अपने ब्लॉग पर 2017 के बाद कोई रचना नहीं पोस्ट की है । कृपया नियमित रहिये ।
अमृता जी ,
आपकी शुभकामनाएँ तो बिना दिए भी मुझ तक पहुँच जाती हैं ।
आपका ये स्नेह स्वस्थ रहने की प्रेरणा दे रहा है ।
🙏🙏🙏🙏
बसंत पर लिखी बहुत अच्छी और सुंदर रचना
सादर
सांकल खोलो
मन के द्वार की
बसंत आया ।
अत्यंत मनोरम भावों को समाहित किये लाजवाब कृति ।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ मैम 💐
बहुत सुंदर सृजन, संगीता दी।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति प्रिय दीदी 👌👌👌
बासंती दृश्यों को जीवन्त करते और मन को आनंद से भरते सुन्दर बंध पढ़कर अच्छा लगा 👌👌। बसन्त एक मौसम नहीं वरन एक सुखद अनुभूति है। हार्दिक आभार और शुभकामनाएं आपको 🙏🙏🌷🌷
@ ज्योति खरे जी
@@ मीना भारद्वाज
@@@ ज्योति
@@@@ प्रिय रेणु
आप सबका हृदयतल से आभार ।
'मद बरखा
सिंदूरिया मौसम
बसंत आया।"
बहुत ही बेहतरीन हायकू पुंज
अति ऊत्तम सृजन संगीता जी
Post a Comment