बहुत बढ़िया प्रिय दीदी |डर रोमांच के साथ आ ही जाता है | ये जीवन का नैसर्गिक भाव है | निर्भयता के साथ कहीं ना कहीं इसका अस्तित्व भी बना ही रहता है | हार्दिक शुभकामनाएं आपके लिए | आपके ब्लॉग पर आकर आज बहुत अच्छा लग रहा है |
कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ...
मन के भावों को
कैसे सब तक पहुँचाऊँ
कुछ लिखूं या
फिर कुछ गाऊँ
।
चिंतन हो
जब किसी बात पर
और मन में
मंथन चलता हो
उन भावों को
लिख कर मैं
शब्दों में
तिरोहित कर जाऊं ।
सोच - विचारों की शक्ति
जब कुछ
उथल -पुथल सा
करती हो
उन भावों को
गढ़ कर मैं
अपनी बात
सुना जाऊँ
जो दिखता है
आस - पास
मन उससे
उद्वेलित होता है
उन भावों को
साक्ष्य रूप दे
मैं कविता सी
कह जाऊं.
5 comments:
dar shyad gir jane ka or sihran ek nai anubhooti kii..
speechless
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 27 सितम्बर 2021 को साझा की गयी है....
पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आदरणीय दीदी
सादर नमन
सूचित करना भूल गई थी
क्षमा
सादर
ऊँचाई का
मुश्किल सफ़र
धैर्य और सजगता की
परीक्षा होती है
ऊँचाईयाँ
जिम्मेदारी की
नयी परिभाषा रचती है
नीचे की कठिनाइयों को
भूलने की शर्त पर।
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सादर।
बहुत बढ़िया प्रिय दीदी |डर रोमांच के साथ आ ही जाता है | ये जीवन का नैसर्गिक भाव है | निर्भयता के साथ कहीं ना कहीं इसका अस्तित्व भी बना ही रहता है | हार्दिक शुभकामनाएं आपके लिए | आपके ब्लॉग पर आकर आज बहुत अच्छा लग रहा है |
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