अपनी अपनी रामायण -अपने अपने राम
>> Sunday, February 28, 2021
हर बात के
न जाने मतलब कितने
हर शख़्स की
न जाने कितनी कहानियाँ ,
हर कहानी का
एक अलग किरदार
हर किरदार को
निबाहते हुए
करता है इंसान
अलग अलग
व्यवहार ,
हर कहानी में
उलझते पात्र
ऐसे ही सोच के भी
उलझते धागे ,
सीधा करने को
जितना तत्पर
ये उतना ही
टूट जाते ।
किस पर करोगे
तुम विश्वास
किससे लगाओगे
थोड़ी सी आस ,
कौन तुम्हारा
अपना है
जो देगा तुमको
थोड़ा सा मान ,
सबकी अपनी अपनी
रामायण
और अपने अपने
राम ।
Labels:
( सर्वाधिकार सुरक्षित )