ज़िंदगी के रंग .... हाइकु के संग
>> Wednesday, February 22, 2012
बच्चे का रोना
खुशियों का खजाना
मुबारक हो
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उनीदीं आँखे
किलकारी उसकी
सुकूं देती है .
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चलना सीखा
हाथ थाम के मेरा
कदम बढे .
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बड़ा हो गया
समझ बढ़ गयी
हम नादान .
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इस उम्र में
झटक दिया हाथ
सन्न हुयी मैं
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शोर ही शोर
सैलाब यहाँ वहाँ
नम हैं आँखें
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60 comments:
चलना सीखा
हाथ थाम के मेरा
कदम बढे .
**********
बड़ा हो गया
समझ बढ़ गयी
हम नादान .
वाह ...सभी एक से बढ़कर एक ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
जीवन गाथा कहते ...बहुत बढ़िया हाइकु...!!
आप तो परफ़ेक्ट हो गयी हैं हाइकू मे…………सभी शानदार्।
जीवन के हर रूप का संक्षिप्त शब्दों में विस्तृत वर्णन... सादर
शब्द ..और चित्र..लम्हा लम्हा जिंदगी की कहानी कह गए.
एक से बढ़कर एक हाइकू.
ये हाइकु बड़े जबरदस्त प्रभाव छोड़ते है . सुन्दर
बच्चा जब बच्चा नहीं रहता;... और बड़ा हो जाता है...तब?..उसके बाद?....हाईकू जीवन से जुड़े हुए है!...बहुत अच्छा लगा!
जीवन की कड़वी सच्चाई ज़रा से शब्दों में!!!!
लाजवाब..
सादर.
कैसे कंधे लाद के, बाप ढोय औलाद ।
गधा बाप बन कर रहे, एक अवधि के बाद ।।
pl visit
dineshkidillagi.blogspot.com
कैसी गहराई है वेदना भरी..सुन्दर भाव ..
kalamdaan.blogspot.in
आज की यही सच्चाई है,
बहुत बढ़िया हाइकू ,बेहतरीन अच्छी प्रस्तुति,.....
MY NEW POST...काव्यान्जलि...आज के नेता...
देखन में छोटे लगें,घाव करें गंभीर...!
बड़ा हो गया
समझ बढ़ गयी
हम नादान .
सही कहा...सभी हाइकु सच्चाई बताते हुए|
sundar abhivyakti sadhuvad ji ...
sundar abhivyakti sadhuvad ji ...
sundar abhivyakti sadhuvad ji ...
sundar abhivyakti sadhuvad ji ...
वाह!
सम्पूर्ण जीवन कथा बहुत सुंदर हाइकुओं के माध्यम से...सभी बहुत सुंदर और सार्थक...आभार
Oh! Kya likhtee hain aap!
bhawuk karti hui......
शोर ही शोर
सैलाब यहाँ वहाँ
नम हैं आँखें ....jindgi ke asliyat ko bdi khubsurti se ukera hai shabdon ke roop me thanks.....
छोटे वाक्यों में पूरा जीवन कह डाला..
उनीदीं आँखे
किलकारी उसकी
सुकूं देती है ... मासूम हाइकु, और कुछ नम सी भी
चंद हाइकू में समूचे जीवन की कहानी को समेट लिया आपने ! संतान के जन्म के साथ मिलने वाली खुशी से लेकर वृद्धावस्था में उसके तिरस्कार और उपेक्षा की सारी पीड़ा इसमें समाहित है ! आपकी लेखनी को नमन !
कैसे जीवन रंग बदलता है...जो जैसा करेगा वैसा ही भरेगा...
बड़ा हो गया
समझ बढ़ गयी
हम नादान .
जीवन का हर पड़ाव समेटे हाइकु...... बहुत सुंदर
आज का अंदाज़ आपका अलग और अच्छा लगा ....
आभार !
बड़ा हो गया
समझ बढ़ गयी
हम नादान...
यूँ तो सभी लाजवाब है , मगर ये बहुत भाये..
सबद,चित्र में रेखांकित ,सारा जीवन चक्र
कहीं कहीं है सरल अति,कहीं कहीं पर वक्र.
हर नई पीढ़ी पहले की पीढ़ी से ज्यादा समझदार होती है, हम भी थे अपने पहले वाली पीढ़ी से, वक्त के साथ चलना जो सीख ले वही बिना किसी शिकायत के नई पीढ़ी को अपनी विरासत सौंप कर चुपचाप बढ़ जाता है...
बेहतरीन हाइकु ।
सादर
बहुत सुन्दर , दुनिया का खासकर आज की दुनिया का यही दस्तूर है !
जीवन के इन मधुर क्षणों को इतने कम शब्दों में भरपूर बांधा है ... गज़ब के हाइकू ...
अद्भुत भाव में बहाते-बहाते स्तब्ध कर दिया.. हाँ ! यही सच है..
बहुत भावपूर्ण .
जीवन के इस पड़ाव पर निज अनुभव के आधार पर लिखी हाइकू!!
सभी हाईकू बढ़िया लगे !
इस उम्र में
झटक दिया हाथ
सन्न हुयी मैं
अर्थपूर्ण सुंदर ......
वाह ...एक से बढ़कर एक
jeevan ki kadvi sachchai hai.........bahut achchi prastuti
जीवन का सच और मन की व्यथा...दोनों ही बहुत प्रभावशाली ढंग से व्यक्त हुये हैं... यह अभिव्यक्ति इस लिए और भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है कि हाइकू के नियम के अनुसार शब्द सीमा का बंधन होते हुये भी कहीं भी कुछ अनकहा या अधूरा सा नहीं लगता.. एक एक भाव अपने सम्पूर्ण गहराई के साथ व्यक्त हुआ है.
सादर
मंजु
जीवन का सच और मन की व्यथा...दोनों ही बहुत प्रभावशाली ढंग से व्यक्त हुये हैं... यह अभिव्यक्ति इस लिए और भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है कि हाइकू के नियम के अनुसार शब्द सीमा का बंधन होते हुये भी कहीं भी कुछ अनकहा या अधूरा सा नहीं लगता.. एक एक भाव अपने सम्पूर्ण गहराई के साथ व्यक्त हुआ है.
सादर
मंजु
achchha saransh..
वाह!हाईकू के संग जीवन –यात्रा.....यथार्थ रचना...आभार...
वाह आंटी ,,
हाईकु में तो आपने पुरा जीवन चक्र उतार दिया है..
लाजवाब,,,,
शिकायत क्यों
नहीं हम अकेले
हैं और यहाँ !
katu kintu satya...bahut achchi prastuti
बड़ा हो गया
समझ बढ़ गयी
हम नादान .बहुत ही सुंदर .....
जीवन का कड़वा सच।
bahut sundar haiku... ummid hai aapke potey ne bhi kuch khyaal jagaye honge... isliye itne jiwant hai bacche par haiku..
खूबसूरत चित्रण ज़िंदगी के रंगों का ...
इन चंद पंक्तियों में संपूर्ण जीवन यात्रा है।
सुंदर हाइकू।
kam shabdon mein badi baat
अति उत्तम,सराहनीय हाइकू प्रस्तुति,सुंदर रचना,..
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
संगीता जी कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया है |
आशा
कमाल है!
इस विधा में तो आपने मास्टरी हासिल कर ली है।
मार्मिक और संवेदनशील कवितायेँ बधाईयाँ जी /
उनीदीं आँखे
किलकारी उसकी
सुकूं देती है .
bahut hi khoobsurat ......
बहुत बेहतरीन और सार्थक रचना,
इंडिया दर्पण की ओर से होली की अग्रिम शुभकामनाएँ।
सभी हाइकु बहुत सुंदर और सारगर्भित हैं।
"बड़ा हो गया
समझ बढ़ गयी
हम नादान ."
जीवन का पूरा दर्शन समेट लिया है ! बहुत सुंदर।
होली मुबारक
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