कृष्णावतार
>> Monday, August 22, 2011
कृष्ण !
कहा था तुमने
जब जब होगी
धर्म की हानि
तुम आओगे
धरती पर ,
आज मानव
कर रहा है
तुम्हारा इंतज़ार
हे माखनचोर
कब लोगे
तुम अवतार ?
तुम्हारा
कोई रूप नहीं
जाति नहीं
देह नहीं
सबके मन में
तुम्हारा वास
कब लोगे
तुम अवतार ?
धरा पाप से
मलिन हुई
पीड़ा जनता की
असीम हुई
अन्याय का
नहीं कोई पारावार
कब लोगे
तुम अवतार ?
लीला तुम्हारी
अपरम्पार
भेजा एक कृष्ण
हमारे द्वार
करने दूर
अत्याचार
खत्म करने
भ्रष्टाचार
सब भक्तिभाव से
स्वीकार रहे
मन में आशा
जगा रहे
उसमें तुमको
देख रहे
जन्मदिन तुम्हारा
मना रहे
उमड़ पड़ा
जनसमूह अपार
ज्यों ही
कृष्ण ने
भरी हुंकार
क्या यही है
तुम्हारा नया अवतार ?
67 comments:
श्री कृष्ण के लिए 'जन' बड़ा है। सत्ता अगर जन की पक्षधर नहीं तो कृष्ण उसके सम्मुख ताल ठोंक कर खड़े हैं। महाभारत जैसे संघर्ष और हक़ की लड़ाइ को उन्होंने गति प्रदान किया। इस वर्ष का कृष्ण जयन्ती पर्व इसलिए भी विशेष है कि श्री कृष्ण की तरह अन्ना हजारे भी कंसों के विरुद्ध खड़े हो गए हैं। भारत के जन-मन को प्रेरित किया है। श्री कृष्ण का जयन्ती पर्व अन्ना हजारे की जीत का गवाह बने इस शुभकामना के साथ।
शुभकामनायें आपको !
Bharat ke rakhwale ko ab aanaa hee hoga!
Janmashtamee kee anek shubh kamnayen!
bahut badhiya prastuti.....
janamashtmi ki dher saari shubhkaamnyen
आज के कुरुक्षेत्र में भी सत्य की ही विजय होगी. अच्छा लिखा है.शुभकामनायें.
श्री कृष्ण जन्माष्ठमी की हार्दिक मंगल कामनाएं !! अत्यंत ही सुन्दर सारगर्भित लेख... कृष्णावतार के लिए प्रभु ने उद्घोषित भी किया है....
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥७॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥८॥
जब जब धर्म की हानि होने लगती है और अधर्म आगे बढ़ने लगता है, तब तब मैं स्वयं की सृष्टि करता हूं, अर्थात् जन्म लेता हूं । सज्जनों की रक्षा एवं दुष्टों के विनाश और धर्म की पुनःस्थापना के लिए मैं विभिन्न युगों (कालों) मैं अवतरित होता हूं । अन्ना हजारे ओर भारतीय जनमानस की जय हो ..भ्रष्टाचारी पतनोन्मुख हों ....
KISHAN BABURAO HAZARE !
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
सार्थक रचना दी...
जन्माष्टमी की सादर बधाईयाँ...
अत्यंत सार्थक और बहुत सी सामयिक और वह भी अकाट्य तर्कों के साथ. वाह मान गए आपकी लेखनी को. अन्ना को जन्माष्टमी से जोड़कर आपने आपने आम इंसान के लिए एक बहुत ही बड़ा उपकार किया है. तर्कों की भाषा, संवैधानिक दाव-पेंच सब नहीं जानते लेकिन अन्तः स्फूर्ति जगाने वाले धर्म तत्त्व को आन भारतीय जनता है, वह इसे गाँठ बाँध लेगा और आजादी किदूसरी लाद्दाई में कूद पड़ेगा. काश यह नेट घर-घर होता, पढने के लिए अनिवार्य होता. फिर भी.... मै तो यही कहूँगा सरकार सोचे और डरे उस दिन से जब..
इसमें सन्देश मात्र उतना ही नहीं,
लिखा है जितना, तख्तियों-बैनरों पर.
केवल उतना ही नहीं, जितना ...
लिखा चिकने हाथ के खुरदुरे छालों ने.
जितना लिखा, पाँव में फटी बिवाइयों ने.
असली सन्देश तो वह है जिसे,
दिल - दिमाग पर, मजबूर आंसुओं ने,
लिखा है अपने खून से, दर्द की कलम से,
गहरे- घावों, रिश्ते - जख्मों की लिपि में.
क्या होगा उस दिन?
जिसदिन हो जायेगी उग्र, यह जुलूस?
जिस दिन टूटेगा उनके सब्र का तटबंध.
कौन रोक पायेगा, उस ज्वाला को, ज्वार को?
उस दिन को सोचो!फिर से उसदिन को सोचो !!
जब फूटेगी ज्वालामुखी, जब...
जब निकलेगा गर्म पिघला लावा, और राख.
मचेगी एक भयानक चित्कार.., हाहाकार..,
एकबार फिर उसदिन को सोचो! फी से सोचो!!
यूँ तो लोहा होता बहुत कठोर और बेहद मजबूत,
लेकिन वह भी पिघलता है कैसे?यह भी सोचो !!
एक सन्देश आज के समय के लिए, आज के हालात पर.. ये जो कंस और कालिया नाग पसरे हैं समाज में उनका विनाश करने के लिए यह अवतार सफल हो!!
जन्माष्टमी पर शुभकामनायें.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इतनी सुन्दर ,सार्थक और सशक्त रचना के लिए साधुवाद!
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जन्माष्टमी की बधाईयाँ
बहुत ही सारगर्भित रचना जन्माष्टमी के अवसर पर शायद अन्ना ही नए अवतार हैं ऐसा लग रहा है ,जनसमूह का समर्थन औए सहयोग और विस्वास जैसा उनको मिल रहा है बस सबकी कोशिश और मेहनत से इस देश का कुछ उद्धार हो जाए बस यही कामना है / शानदार अभिब्यक्ति के लिए बधाई आपको /जन्माष्टमी की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं /
आप ब्लोगर्स मीट वीकली (५) के मंच पर आयें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराएं /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /प्रत्येक सोमवार को होने वाले
" http://hbfint.blogspot.com/2011/08/5-happy-janmashtami-happy-ramazan.html"ब्लोगर्स मीट वीकली मैं आप सादर आमंत्रित हैं /आभार /
आज के कुरुक्षेत्र में भी सत्य की ही विजय होगी. अच्छा लिखा है सार्थक रचना....शुभकामनायें.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
सभी पाठकों का हृदय से आभार ..
@ डा० जे० पी० तिवारी जी ,
आपका आशीर्वाद मिला इस रचना को ...अनुगृहीत हूँ
आपके शब्द सोचने पर मजबूर करते हैं ...और सोचना तो पड़ेगा ही
बहुत अच्छी प्रस्तुति ...
'का जाने केहि वेष में नारायण मिल जायँ '
- युग-परिवर्तन का क्रम हमारी आँखों के सामने प्रारंभ हो गया है -मंगलमय हो !
धरा पाप से
मलिन हुई
पीड़ा जनता की
असीम हुई
अन्याय का
नहीं कोई पारावार
कब लोगे
तुम अवतार ?
उसके मन की बात वो ही जाने .पर हम इतना जानते हैं कि हम अपने कर्तव्यों से मूक गए हैं ,
प्रेरक अभिव्यक्ति ....... शुक्रिया जी /
बहुत सुन्दर और भक्तिमय आव्हान ...आज कृष्ण को आना ही होगा, पर पता नहीं वह किस रूप में आये. जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
ये किसना तो रासलीला जानता ही नहीं :)
rah rah kar aaj shayed har bharatwasi ke man me ye vichar uth raha hoga ki ye 'anna' krishnavtar to nahi prakat ho rahe...jo itna jan samooh unke sath hai.
badhiya samsamyik rachna.
janmaashtmi ki shubhkamnayen.
बहुत सुंदर ....जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ ...शुभकामनायें
कृष्ण से प्रार्थना है...कि जन भावनाओं को सामने लाने वाले अन्ना को शक्ति दें...अभी पता नहीं कितना संघर्ष बाकि है...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
वर्तमान की सच्चाई निहित है आपकी इस रचना में....भावों और शब्दों का सुंदर संयोजन....
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
आदरणीय संगीता जी ...कान्हा के आगमन का स्वागत ..ये रचना अच्छी लगी..कान्हा किसी भी रूप में आयें दुष्टों का संहार करें अच्छाइयों को विजय श्री दिलाएं ..आन्दोलन सफल हो
...जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं आप सपरिवार और सब मित्रों को भी
भ्रमर ५
चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी ,
:):)
भले ही यह किसना रासलीला नहीं जानता .. पर वो ताकत तो है कि एक हुंकार पर जनता पीछे पीछे जुड जाती है ...
जन्माष्टमी की ढेर सारी बधाइयाँ आपको...
वाह ..
बहुत खूब ..
जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ !!
कृष्ण की तुलना अन्ना से...सही कहा आपने अन्ना के एक हुंकार पर पूरा देश एकजुट सा हो गया है....बेहद सुन्दर रचना...
और जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
अधर्म के खिलाफ खड़ा हो उठना ही सच्चा कृष्णत्व है !
बहुत बधाई और शुभकामनायें !
bhrastachaar ke khilaaph jeet mile ,yahi kamanaa hai
किसी न किसी रूप में वो आते हैं .. हमेशा ही आते हैं ... बहुत उम्दा रचना है ... सामयिक ...
आज के कुरुक्षेत्र में भी सत्य की ही विजय होगी
सार्थक रचना ,शुभकामनायें
वाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति है आपकी ..आभार ।
bahut sunder bhav ki sarthak prastuti............
बहुत ही खूबसूरत....
बहुत अच्छा लगा पढ़कर...
ARE YOU READY FOR BLOG PAHELI -2
वाह बहुत खूबसूरती से कान्हां को साथ रखकर बात कहने का खूबसूरत अंदाज़ |
बहुत सुंदर रचना |
सार्थक अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर ....जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ
कृष्ण का आवाहन और फिर उनके आगमन का स्वागत, श्रद्धा और विश्वास के इस मिलन को समेटे यह सुंदर कविता आज के हालात का सही चित्रण भी करती है. आभार!
बहुत सुंदर क्रिसना जी के जन्मदिन के शुभावसर पर देश के हालात का यथार्थ बताती हुई सार्थक रचना /बहुत सुंदर चित्रों से सजी शानदार रचना/बधाई आपको /
अद्भुत लेखनी ने कृष्णावतार को सार्थक कर दिया है.
योगेश्वर को अपने वचन याद रखने पड़ेंगे...
परित्राणाय साधूनाम्....
बहुत सुन्दर रचना |
कृपया मेरी भी रचना देखें और ब्लॉग अच्छा लगे तो फोलो करें |
सुनो ऐ सरकार !!
और इस नए ब्लॉग पे भी आयें और फोलो करें |
काव्य का संसार
शुक्रवार --चर्चा मंच :
चर्चा में खर्चा नहीं, घूमो चर्चा - मंच ||
रचना प्यारी आपकी, परखें प्यारे पञ्च ||
संगीता जी , बहुत ही सार्थक चिंतन और सटीक अभिव्यक्ति। मुझे तो बस यही लगता है की 'विश्वास ही फलता है' । यदि आस्था है पत्थर में भी भगवान् बसता है , फिर अन्ना तो वास्तव में बहुत कुछ कर रहे हैं देश के लिए। इस सारगर्भित रचना के लिए बधाई।
कृष्ण-सी सफलता के लिए थोड़ा शातिर होना ज़रूरी है। कंसों का मुकाबला अन्यथा बहुत मुश्किल।
श्रेष्ठ रचनाओं में से एक ||
बधाई ||
शुभकामनायें आपको !
bahut hi badiya laajawab sarthak aur samyik prastuti ke liye aabhar
achchha likha hai ,aaj aawaz uthi shayad krishn saath de
लीला तुम्हारी
अपरम्पार
भेजा एक कृष्ण
हमारे द्वार
करने दूर
अत्याचार
खत्म करने
भ्रष्टाचार
सब भक्तिभाव से
स्वीकार रहे
वाह ... कान्हा की बातें ... बधाई के साथ शुभकामनाएं ।
कृष्ण हर युग में प्रासगिक हैं। आपकी प्रार्थना में हम भी आप के साथ हैं।
विलंब से आने के लिए क्षमा करें।
कृष्ण स्वरूप अन्ना की पहली विजय से हम सब प्रसन्न हैं।
बधाई एवं शुभकामनाएं।
वाह संगीता जी..अद्भुत रचना.. बेहद सुन्दर और सम-सामयिक रचना के लिए बधाई. जब-जब धर्म की हानि हो तो कृष्ण को अवतार लेना ही पड़ता है. जन्माष्टमी को आज के सन्दर्भ से जिस खूबसूरती से आपने जोड़ा है वो बेमिसाल है. एक बार फ़िर हार्दिक आभार
सादर
मंजु
धरा पाप से मलिन हुई पीड़ा जनता की
असीम हुई अन्याय का नहीं
कोई पारावार कब लोगे तुम अवतार ?
एक अलग ही भाव-संसार में ले जाती है आपकी कविता ..बहुत ही गहरे भाव....हार्दिक बधाई !
शीर्षक को सार्थक करती रचना.महाभारत में जेसे अधर्म का नाश किया था .अब भ्रस्ताचार के खात्मे की बारी है .देखे इस पवन कार्य में हम सब कितने खरे उतरते हैं
bahut badhiya prastuti.........badhai
अच्छा लिखा है.शुभकामनायें.
kitna sunder likha hai bhagvan krishn ka kaha bahut hi sunder laga aur shayad sach bhi
rachana
http://www.youtube.com/watch?v=0vJD6TzsmA0&feature=related
ise link ko circulate karne me madad kariye .
Aabhar
क्या कहूँ दी ! काश आपकी यह कविता सच हो जाये.जनता ने तो अपना कृष्ण चुन लिया पर काश उसका कर्म और और संघर्ष काम आये.
बरहाल कविता बहुत अच्छी है.
aaderniya sangeeta ji...krisna ke ashirwad ke bina kuch sambhav hi nahi...anna ko krisnavatar se jodna bhrastachar unmulan aandolan ko ek nayi jaan dega..baise anna jaise log kai sadiyon me ekadh hi paida hote hain..aapki yah bhawna janjan tak faile,,,badhayee aaur sadar pranaam ke sath
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