ताम्बुल और ताम्बुली
>> Tuesday, December 27, 2011
जिस तरह से
ताम्बूल पर
सही मात्रा में
लगाना पड़ता है
कत्था - चूना
और डालना पड़ता है
मिठास के लिए
थोड़ा गुलकंद ,
सुगंध के लिए
कुछ इलायची
और तभी
खाने वाला
आनंद लेता है
बिना मुँह कटे
पान का और
रच जाता है मुँह
लाल रंग से .
उसी तरह से
रिश्तों को पान सा
सहेजने के लिए
बनना चाहिए
ताम्बूली .
69 comments:
सांसारिक होने के लिए ताम्बुली होना आवश्यक है।
sunder rachna ...alag bimb liye ...
वाह!
Amazing imagery!
बीड़ा पान का उठाया जाये
रिश्तों को ताम्बुली बनाया जाये.
सुंदर सद्भाव , बढ़िया रचना.
वाह ...बहुत खूब ।
सही कहा है सब कुछ सही प्रमाण में हो तो ही,
रिश्तों में रंगत, और खुशबुदार मिठास होती है !
बहुत सुंदर ....
बहुत सुन्दर बिम्ब प्रयोग्………सुन्दर भावाव्यक्ति।
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 28-12-2011 को चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ
वाह!बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
बहुत कठिन है डगर ताम्बुली की ...अपने स्वाभिमान को कहाँ गिरवी रखें !!
bimbo/prateekon ka prabhavshaali prayog karte hue jiwan ko margdarshan deti sunder rachna.
वाह,फ़ार्मूला अच्छा है !
वाह..! रिश्तों की नयी परिभाषा बधाई
taambul ke madhyam se jindagi ko behtarin nasihat..sadar pranam aaur badhayee ke sath
'ताम्बुल और ताम्बुली' से आपने मुहँ
में गुलुकंद ही घोल दिया है.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
आने वाले नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
वीर हनुमान का फिर से बुलावा है.
वाह ! ताम्बुली होकर रिश्तों में महक लाने का नुस्खा बताती आपकी यह रचना प्रशंसनीय है..रिश्ते दर्पण की तरह होते हैं उनमें हम खुद को ही तो देखते हैं.
लाली तो तभी निखरेगी होठों पर जब मिश्रण उचित और वाजिब हो!
रिश्तों को पान सा
सहेजने के लिए
बनना चाहिए
ताम्बूली ..........वाह,नयी सोंच.
पान की लाली रची है उनके लबों पर
दिल तो अपना बस मिठास ले रहा है /
kitni gehri baat kah gai aap .... kitne saral shabdon mein
बेहतरीन रचना है संगीता जी ! संबंधों में मिठास बनी रहे इसके लिये सभी रिश्तों और भावनाओं का उचित मात्रा में संतुलन बनाये रखना बहुत ज़रूरी है ! आपकी सूक्ष्म दृष्टि और अनुपम कल्पना शक्ति की हृदय से कायल हूँ मैं ! बहुत सुन्दर !
वाह क्या बिम्ब दिया है.बहुत ही खूबसूरत भाव और सन्देश भी.
यूँ वाणी जी की बात भी कबीले गौर है :).
इतनी सहजता से कितनी गहरी बात कहती है दी यह रचना.... सुन्दरतम....
सादर बधाई...
vaah bahut sundar bimb
गहन बिम्ब लिए महकती हुई रचना और लाली बिखेरती हुई भी ...
utkrisht aur nayi soch....taambuli ki chahat magar aaj hai kitno ko? sansarik sukh aur jeevan ke aapa-dhapi me sab magan aur vyast hai....prerna daayi rachna....
रिश्तों की खुशबू पर कत्थई रंग की महकती रचना.
अरे! आप तो उस ज़र्दे को भूल गई जिसमें प्यार का नशा भी होता है :)
मामूली सी बात को किस तरह रोचक बनाया जाता है, ये कला तो आप से सीखनी पड़ेगी दीदी
सुन्दर अभिव्यक्ति.
रिश्तों की ताम्बुली में अक्सर कला ज़र्दा पड़ जाता है- जो बीमारी बन जाता है
प्रेरणादायक रचना !
बहुत सुन्दर संगीता जी...अदभुद तुलना..
उस ताम्बुली को स्नेह की लौंग से कस दिया जाये तो शायद कभी ना खुले...
सादर.
Waah Bahut khoob Sunder rachna !!
सच कह है ... रिश्तों को भी सहेजना पढता है ... मीठे की तरह ... गज़ब की सोच है ...
नव वर्ष मंगलमय हो ...
सुन्दर भावपूर्ण रचना.. kalamdaan.blogspot.com
बहुत सही बात कही है आंटी!
सादर
संगीता दी,
सोच रहा हूँ, आपके ओब्ज़र्वेशन की दाद दूं या फिर इस कविता की सुंदरता की!! दोनों की!!
बहुत सुंदर रचना । शुभकामनाएँ ।
एकदम सही। उस विराटता में ही संबंधों की नींव होती है,जिसमें कत्थे,गुलकंद और इलायची के साथ-साथ,चूने के लिए भी जगह हो।
waaaaaaaaah
fir to rishte sachmuch swadisht ho jayenga, paan ki tarah...
sunder rachna..
वाह वाह क्या बात है
बहुत काम की बधाई
बहुत सही से रिश्तों की मिठास को बनाये रखने का तरीका बताया आपने ...वाह
ताम्बूली को शत शत प्रणाम
बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन बिम्ब प्रयोग ,.....
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..
नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...
बेहतरीन प्रस्तुति |
"टिप्स हिंदी" में ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
टिप्स हिंदी में
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
संगीता जी, आपसे ब्लॉग जगत में परिचय होना मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है.बहुत कुछ सीखा और जाना है आपसे.इस माने में वर्ष
२०११ मेरे लिए बहुत शुभ और अच्छा रहा.
मैं दुआ और कामना करता हूँ की आनेवाला नववर्ष आपके हमारे जीवन
में नित खुशहाली और मंगलकारी सन्देश लेकर आये.
नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
bahut sundar. gagar mein sagar.
नववर्ष की शुभकामनायें....
▬● अच्छा लगा आपकी पोस्ट को देखकर...
यह पेज देखकर और भी अच्छा लगा... काफी मेहनत की गयी है इसमें...
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके लिए सपरिवार शुभकामनायें...
मेरे ब्लॉग्स की तरफ भी आयें तो मुझे बेहद खुशी होगी...
[1] Gaane Anjaane | A Music Library (Bhoole Din, Bisri Yaaden..)
[2] Meri Lekhani, Mere Vichar..
.
नव-वर्ष आपको व आपके समस्त परिवार के लिये मंगलकारी हो इसी शुभकामना के साथ।
अवश्य पढ़ियेगा... आज की ताज़ा रंगों से सजीनई पुरानी हलचल बूढा मरता है तो मरे हमे क्या?
नए विचार, नए भाव।
रिश्ते बड़े नाजुक होते हैं, उन्हें सहेजते रहना ही जीवन है।
रिश्तों को पान सा
सहेजने के लिए
बनना चाहिए
ताम्बूली .
बहूत सुंदर रचना है...
नववर्ष कि शुभकामनाये
नव वर्ष के शुभ आगमन अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं...
नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ
क्या बात कहीं,क्या बात कहीं।
सौलह आने यह बात सही।।
नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.....
किसी भी पत्ते में जो जहरीला ना हो सही मात्रा में लगायें कत्था चूना और दबा लें मुंह में तो तांबूल का मजा देता है। कहने का मतलब यह कि ताम्बुली होना ही बड़ी बात है।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए,...
--"नये साल की खुशी मनाएं"--
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
नववर्ष की शुभकामनायें
नक्सलवाद और राजनीती की भेंट चढ़ चूका है ये प्रक्रतिक द्रश्य.
सुन्दर विवरण. नए साल की शुभकामनाये
वाह ! अद्भुद बिम्ब !
शुभकामनाएं।
नव वर्ष मंगलमय हो।
achchi rachana.
रच जाता है मुँह
लाल रंग से .
उसी तरह से
रिश्तों को पान सा
सहेजने के लिए
बनना चाहिए
ताम्बूली .
prabhavshali rachana pr hardik badhai.mere naye post pr amantran sweekaren.
Bahut achha laga aapke blog pe aakar... bahut achhi rachnayen padhne ko mili.. dhanyavaad!
रिश्तों में मिठास लाने के लिए बनना चाहिये तांबुली! बहुत पावन और कल्याणकारी सोच और बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
kash ki main v panbadi hota..
sunder rachna ...alag bimb liye ...
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