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पद्मश्री

>> Wednesday, April 22, 2009

पद्मश्री की देखिये , है कैसी भरमार

मिला जिसे वो खुश , बाकी हैं लाचार

बाकी हैं लाचार , खिलाड़ियों के करतब देखो

विज्ञापन की बॉल , ज़रा उनकी ओर फेंको

कह "गीत " कवयित्री  , हुए हम हक्के - बक्के

उडा रहे विज्ञापन के वो , चौक्के - छक्के .

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हमारी वाणी

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