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कलम आपकी या आपका

>> Saturday, February 20, 2010







आज आपके सामने एक संशय ले कर हाज़िर हुई हूँ...कि कलम शब्द पुल्लिंग है या स्त्रीलिंग...?






दरअसल बात है जब मैं किसी एक साईट पर गतिका के नाम से लिखती थी...किसी ने मुझसे पूछा कि गतिका नाम क्यों लगाया है आपने अपने नाम के साथ? मैंने कहा कि बस ये एहसास रहे कि मेरी कलम गतिमान रहे... निरंतर चलती रहे इस लिए ये नाम लिखती हूँ...


उन्होंने मुझे बताया कि आप कलम को स्त्रीलिंग के रूप में लिख रही हैं जब कि ये पुल्लिंग शब्द है....ये जान कर मुझे थोडा आश्चर्य हुआ क्यों कि मैं इस शब्द को हमेशा स्त्रीलिंग के रूप में ही प्रयोग करती थी...मैंने तुरंत शब्दकोष देखा ( ये शब्दकोष मेरी माँ का है जब वो पांचवीं कक्षा में थीं ) और पाया कि सच ही ये शब्द तो पुल्लिंग है...उसके बाद से मैं बहुत ध्यान रखती रही कि कहीं गलत प्रयोग ना हो जाये....कलम के स्थान पर लेखनी शब्द प्रयोग करने लगी...



आज मैं फिर असमंजस की स्थिति में हूँ .क्यों कि मैंने ब्लोग्स पर अक्सर देखा है कि ज्यादातर लोग कलम को स्त्रीलिंग के रूप में ही प्रयोग करते हैं...टिप्पणियों में लिखा होता है ---


आपकी कलम की धार तेज होती जा रही है .


आपकी कलम में जादू है.


आपकी कलम को नमन


खूब कलम चलाई है आपने ...... ऐसे ही और भी बहुत सी टिप्पणियां देखने को मिलती हैं...


मैं अपने सभी प्रबुद्ध साथियों से जानना चाहती हूँ की यदि शब्दकोष में ये शब्द पुल्लिंग है तो हम इसे स्त्रीलिंग में क्यों प्रयोग करते हैं....या प्रयोग करने की दृष्टि से हमने इसे स्त्रीलिंग का ही रूप दे दिया है?


मेरी जिज्ञासा इस लिए है क्यों कि भाषा में समय समय पर परिवर्तन होता रहता है.क्या पता कि इसमें भी परिवर्तन हो गया हो... तो बस आप सबसे प्रार्थना है कि


कृपया मेरी इस शंका का निवारण करें....आप सबके विचार सादर आमंत्रित हैं .धन्यवाद

33 comments:

shikha varshney 2/20/2010 12:12 AM  

हम्म.... बहुत ही गंभीर मुद्दा उठाया आपने...सच कहूँ तो मैं भी कलम को स्त्रीलिंग में ही प्रयोग करती हूँ .अब आपने तो सुबूत दिखा दिया ..वो भी इतना पुराना ...अब पुर्लिंग की तरह प्रयोग करुँगी...वैसे इतने पुराने शब्दकोष का पन्ना देख कर बहुत ख़ुशी सी महसूस हो रही है..

स्वप्न मञ्जूषा 2/20/2010 12:52 AM  

are baap re..ham to aaj tak kalam ko ladki hi samjhe rahe..
ii nayii khabar mili hai..
ab ho gaye na trishanku ham kya kahein ..aapki/aapka kalam ko naman..

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) 2/20/2010 12:54 AM  

अरे! मुझे तो यह पता ही नहीं कि कलम पुल्लिंग है.... इसको मैं भी स्त्रीलिंग के रूप में ही यूज़ करता था.....समय समय पर भाषा तो परिवर्तन करती है.... पर सच यह है कि हम लोग व्याकरण नहीं पढ़ते हैं.... व्याकरण कभी बदलता नहीं... इसलिए कलम ऐज़ ए पुल्लिंग ही है.... मैंने अभी अभी व्याकरण चेक किया है.... CBSE के हिंदी व्याकरण की किताब में.... हमने अपनी सुविधा के लिए या अनुसार इसे... स्त्रीलिंग में अपना लिया है....

Dev 2/20/2010 6:21 AM  

वैसे मैं भी अभी तक यही जनता हूँ कि कलम स्त्रीलिंग है ...लकिन आपने नयी जानकारी दिया ....बहुत बहुत शुक्रिया .

रानीविशाल 2/20/2010 8:15 AM  

ye waakai bahut khaas aur nai baat batai aapane kyuki main bhi ab tak kalam ko striling hi samjh rahi thi ...aise aur bhi bahut honge nishchit hai! Nishkarsh ki pratiksha rahegi ki kalam ko striling me swikarliya gaya hai ya ye sach me pulling hi hai aaj bhi ..!!!

Shishupal Prajapati 2/20/2010 10:36 AM  

सचमुच में मुझे भी आज पता चल कि कलम स्त्रीलिंग न होकर पुर्लिंग हैं. ! पर फर्क क्या पड़ता है, हमारे यंहा वैसे भी स्त्रियों के बहुत से अधिकार अभी भी पुरुष दबाकर बैठे हैं. शायद पहले कलम स्त्रीलिंग हो, इस पर और रिसर्च करने की जरूरत है.

आपका सुभेक्शु
शिशु
www.iamshishu.blogspot.com

Apanatva 2/20/2010 11:02 AM  

B.ahut sahee mudda uthaya aapne...........

KAVITA.....likhee jatee hai......KALAM SE

Lekh .....likha jata hai........ KALAM SE

SHAYREE... LIKHEE JATEE HAI KALAM SE
GAZAL......

SHER LIKHA JATA HAI KALAM SE

Mujhe lagata hai kya srujan hota hai usee se sambandh jude rahte hai shavdo ke.........
kaarak aur kriya ke tal mel kee baat hai.......
Aisee meree soch hai.........
hum kai cheezo ko "'taken for granted " le lete hai ..sochane par majboor karatee hai ye post........

Aapke bhasha gyan ko saadar naman

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/20/2010 11:47 AM  

सभी पाठकों का आभार....

सरिता जी (अपनत्व )

आपने जो तुलना कि ही उसमें कलम की बात नहीं आ रही....कविता, लेख , शायरी , ग़ज़ल इन शब्दों की बात है .

यानि कि,

लेख लेखनी से भी लिखा ही जायेगा..
यहाँ हम ये नहीं कह सकते कि लेख लेखनी से लिखी गयी...यानि कि लेख शब्द पुल्लिंग है..
ना कि यहाँ कलम शब्द के कारण पुल्लिंग और स्त्रीलिंग का भेद पता चल रहा है

वैसे कई लोगों का मानना है कि ये शब्द दोनों तरह से प्रयोग होता है....

अब इस बात पर तो सबकी राय मिले तो सोचा जाये...

vandana gupta 2/20/2010 12:05 PM  

waah .........ek bahut hi gambhir mudda uthaya hai............aur sabko jankari bhi mil jayegi isi bahane..........aaj bhi na jaane kitni vyakrniya galatiyan hum sab karte hain .........hindi gyan ko badhava dene ki disha mein ek sarthak kadam hai.

रश्मि प्रभा... 2/20/2010 2:19 PM  

kalam jab paudhe se sambandhit hai to puling, kalam jisse hum likhte wah streeling hai,sanshay ka sawaal hi nahi........

रश्मि प्रभा... 2/20/2010 2:24 PM  

सर कलम कर करना....पुलिंग
और क़लम कलम में भी फर्क है.......संशय में ना रहें,
हाँ इस पुराने शब्दकोष से एक लगाव हुआ

rashmi ravija 2/20/2010 2:35 PM  

मैं तो उलझ कर रह गयी आपकी पोस्ट और रश्मि जी कि टिप्पणी में....क्या ठीक होगा..कलम को स्त्रीलिंग मानना या पुल्लिंग??

रंजू भाटिया 2/20/2010 5:43 PM  

कुछ मेरी कलम से ....पुलिंग स्त्रीलिंग सोच में हूँ :) शब्दकोश का पन्ना बहुत आकर्षित कर रहा है वाकई शुक्रिया

अजय कुमार झा 2/20/2010 11:47 PM  

कलम ..पुल्लिंग है ये तो वाकई आज जाना ...व्याकरण के अनुसार क्या सही होगा ये तो गिरिजेश भाई ही सबसे बेहतर बताएंगे ...मगर इतना तो मुझे भी लगता है कि ..कलम आपकी के स्थान पर कलम आपका नहीं हो सकता है ..मैंने आज तक इसका उपयोग होते नहीं देखा कभी भी इस तरह से ..अभी कल ही लिखा था ..
.कलम उनकी कातिल है , हम रोज़ मरते हैं ,
आदत सी हो गई मरने की , उन्हें रोज़ पढते हैं

हां विषय और प्रश्न दिलचस्प लगा ...आगे प्रतीक्षा रहेगी इसके निष्कर्ष की ..वैसे रश्मि प्रभा जी ने सब कुछ स्पष्ट कर ही दिया है और मैं भी उनसे सहमत हूं

अजय कुमार झा

Urmi 2/21/2010 11:16 AM  

सही मुद्दे को लेकर आपने बखूबी प्रस्तुत किया है! आपकी लेखनी को सलाम! बधाई!

संगीता स्वरुप ( गीत ) 2/21/2010 11:33 AM  

आप सब का आभार कि आप सबने दिलचस्पी ली इस विषय पर...लेकिन अभी तक कुछ ठोस बात सामने नहीं आई है...संशय की स्थिति अभी तक है...व्याकरण के अनुसार कलम शब्द पुल्लिंग है....इसका अनुमोदन महफूज़ भाई ने किया है...पर स्त्रीलिंग कैसे है? इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं है..ये केवल हम मान कर चल रहे हैं...जिन्होंने मुझे टोका था वो उर्दू के अच्छे ज्ञाता हैं...और ये शब्द भी उर्दू भाषा से ही आया है...

अजय जी ,
अब गिरिजेश भाई के पास तक ये बात कैसे पहुंचाई जाये? मेरे पास तो उनका मेल I D नहीं है....यदि आप मदद कर सकें तो कृपा होगी....

धन्यवाद

निर्मला कपिला 2/21/2010 11:34 AM  

दिलचस्प आपकी और रश्मि जी की बात से किस नतीजे पर पहुँचें मगर सही लगता है कि कल्म स्त्रीलिंग मै भी अकसर लेखनी ही लिखती हूँ। बहुत अच्छी जानकारी है । धन्यवाद्

दिगम्बर नासवा 2/21/2010 12:07 PM  

ये बात तो मालूम ही नही थी .... पर आज मालूम चल गयी तो आगे से ज़रूर ध्यान रखूँगा इस बात का ....

अनामिका की सदायें ...... 2/21/2010 1:59 PM  

संगीता जी सब आपकी पोस्ट और सब की टिप्पणिया पढ़ कर बहुत कुछ जानने समझने को मिला. इसलिए सब से पहले तो इसके पोस्ट को डालने का शुक्रिया. बाकी बात रही आप के संशय की तो जब आप इतना पुराना शब्द-कोष प्रमाण के रूप में हमारे प्रत्यक्ष रख रही है तो उसके बाद तर्क-वितर्क का कोई सवाल ही नहीं रह जाता..हां.लेकिन इसके बाद भी हम सब अपनी सुविधा के अनुसार कलम को स्त्रीलिंग की तरह प्रयोग करते है.क्युकी कलम को स्त्रीलिंग में प्रयोग करना ही अपना लिया गया है.

आपकी रचना से अच्छी जानकारी मिली क्युकी सच में हम नहीं जानते थे अब तक की कलम पुलिंग भी हो सकते /सकता है.
बधाई..आगे भी इंतज़ार रहेगा...

संजय भास्‍कर 2/21/2010 6:24 PM  

वैसे मैं भी अभी तक यही जनता हूँ कि कलम स्त्रीलिंग है ...लकिन आपने नयी जानकारी दिया ....बहुत बहुत शुक्रिया

Sadhana Vaid 3/01/2010 7:05 AM  

आपकी पोस्ट और उनकी टिप्पणियाँ बहुत ही रोचक लगीं एक डिक्शनरी मेरे पास भी है KAMAL'S OXFORD ADVANCE DICTIONARY ! यह हिन्दी टू इंग्लिश डिक्शनरी है और इसके पेज न.187 पर कलम शब्द की व्याख्या स्त्रीलिंग के रूप में की गयी है ! अत: आपको और अन्य सभी ब्लॉगर बंधु बांधवियों को संशय में रहने की कोई आवश्यकता नहीं है ! शब्दों का प्रयोग सभी अपनी सुविधानुसार करते हैं !

Sadhana Vaid 3/01/2010 1:58 PM  

सुबह समय कम होने की वजह से अपनी पूरी बात ठीक से नहीं कह पाई थी ! संगीताजी आपकी माताजी के पास जो डिक्शनरी थी वह शायद काफी पुराने समय में पब्लिश हुई होगी ! मुगलों के प्रभाव के कारण उन दिनों पूर्वोत्तर हिन्दी प्रदेशों में उर्दू बहुल शब्दों का प्रयोग हिन्दी भाषा में किये जाने का आम प्रचलन था ! कलम शब्द को आज भी उर्दू में पुल्लिंग की तरह ही प्रयोग किया जाता है ! उदाहरण के लिए ,
" आपका कलम गिर गया है !"
" मेरा कलम खो गया है !" आदि ! लेकिन वर्त्तमान समय में यह शब्द प्राय: दोनों ही तरह से प्रयोग किया जाता है और हिन्दी प्रधान प्रदेशों में तो यह बहुधा स्त्रीलिंग के रूप में ही प्रयुक्त होता है ! अज्ञानतावश यदि कुछ अधिक कह दिया हो तो क्षमा कीजियेगा !

अजित वडनेरकर 3/04/2010 6:39 PM  

भाषा लगातार परिवर्तित होती है। व्याकरण व स्वरूप भी लोकसंस्कारों के आधार पर तय होता है। हम जिस कलम का भाषा में प्रयोग करते हैं वह बरास्ता अरबी, फारसी हिन्दी में दाखिल हुई। उर्दू में अरबी, फारसी का संस्कार है सो वहां क़लम पुल्लिंग सही है किन्तु हिन्दी जनमानस ने कलम ने हिन्दी की लेखनी वाला भाव ग्रहण करते हुए इसे स्रीवाची संज्ञा माना है। इसमें कोई संशय नहीं होना चाहिए कि हिन्दी में जो कलम है उसका प्रयोग स्रीवाची की तरह ही किया जाना सही है। भाषा में हमेशा ध्यान रहना चाहिए कि लोकप्रिय उच्चारण, प्रयोग ही टिकते हैं। व्याकरण और ग्रंथों से ढूंढ ढूंढ कर बहुत से तथ्य तलाशे जा सकते हैं जो हमारी भाषा को अशुद्ध करार दे सकते हैं। किन्तु इसका कोई औचित्य नहीं है। हमारे कोशकारों ने भी अभी तक कोई ऐसा कोश नहीं बनाया है जो शुद्ध अशुद्ध से हटकर प्रचलित और लोकप्रिय उच्चारण को सही ठहराने की हिम्मत करते हुए आम लोगों का मार्गदर्शन करता हो।

संगीता स्वरुप ( गीत ) 3/04/2010 10:45 PM  

अजीत जी,

आज आपकी प्रतिक्रिया पा कर मन संतुष्ट हुआ....वैसे तो मैंने भी मान ही लिया था कि हिंदी में कलम को स्त्रीलिंग के रूप में ही प्रयोग किया जाना चाहिए...पर किसी के टोकने पर ही ये बात मस्तिष्क में आई और अपने संशय निवारण हेतु ही मैंने इसे पोस्ट बना कर ब्लॉग पर डाला था ...आपका बहुत बहुत शुक्रिया

संगीता स्वरुप ( गीत ) 3/04/2010 10:46 PM  

साधना जी,

आप ऐसा क्यों सोच रही हैं कि मैं इस बात को अन्यथा लूंगी .आपने बिल्कुल सही दृष्टिकोण रखा है....अभी भी कुछ नए शब्दकोष में भी कहीं पुल्लिंग और कहीं स्त्रीलिंग के रूप में मुझे पढ़ने को मिला था ...इसीलिए मैंने अपना संशय मात्र ही रखा था...
आपने बहुत सही तरीके से और प्रमाण के साथ अपनी बात रखी है...जिसने मुझे इस गलती के लिए टोका था वो भी उर्दू से ज्यादा इत्तफाक रखते हैं..आपने इतना लिखा इसके लिए आभारी हूँ....शुक्रिया

ज्योति सिंह 9/13/2010 4:29 PM  

maja aa gaya is gyan charcha me shamil ho ,baat pate ki rahi aur dilchasp bhi .shabdkosh dekh khushi hui ,purani cheejo ki alag ahmiyat hoti hai .

Akhilesh 9/20/2010 3:58 PM  

संगीता जी,
आपकी शब्द कोष में यह पुल्लिंग है परन्तु मेरे पास मेरे दादा की एक फटेहाल शब्द कोष है उसमे कलम को स्त्रीलिंग कहा गया है| इसीलिए मुझे लगता है की यह शब्द दोनों ही तरह प्रयुक्त हो सकता है|आप अगर चाहे तो मैं आपको उस पृष्ठ का चित्र भेज सकता हूँ|

Akhilesh 9/20/2010 4:07 PM  

संगीता जी,

हांलाकि मेरी हिंदी भाषा बहुत ही त्रुटिपूर्ण है|परन्तु मेरे पास मेरी मम्मी की कॉलेज की एक शब्द कोष है और उसमे कलम को स्त्रीलिंग कहा गया है| साथ ही में यह भी ज़िक्र है की यह संस्कृत से आया हुआ शब्द है|और मुझे एक दूसरी पुस्तक इसे फारसी से आया पुल्लिंग शब्द बताती है| इसीलिए हमारी हिंदी भाषा ने इसे दोनों ही रूप में स्वीकार किया है|और कलम का इस्तेमाल हर रूप में सही है

Anonymous,  5/26/2013 3:11 PM  

oωał spośród nieskłaԁnej trochę opowieścі Krzyżaka, constructeur sam panujący był

człekiem całκiеm rubaѕznym. Ale kiedy tylko usiłował wуcelować rozmowę w w największym stopniu intеresującym stronę, młodу

wysłanniκ n.

Anonymous,  5/26/2013 3:50 PM  

аtуchmiast zmіeniał zaԁaniе.
Uniκał też moister wzroku гycerza, wpatrująс ѕіę
w własny gаrniec miоdu. Ρгzeԁniego zreѕztą
oraz

zasługującego na zainteresowanie. Ryсerz nie naciѕkаł
zbyt. Na konіec ρo.

anamika 2/07/2018 7:33 PM  

kalam ke bare me itni gyanvardhak jankari pakar me fhanya ho gai. nahi janti thi ki jo charcha hum mil kar nahi kar sakte vo phone par pa bhi sakte hai.

anamika 2/07/2018 7:33 PM  

kalam ke bare me itni gyanvardhak jankari pakar me fhanya ho gai. nahi janti thi ki jo charcha hum mil kar nahi kar sakte vo phone par pa bhi sakte hai.

Unknown 3/13/2018 3:23 PM  
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