सागर किनारे
>> Tuesday, February 9, 2010
सागर किनारे मैं
जब भी आई
हर लहर में दिखी
तेरी ही छवि समायी
लहरों के स्पर्श से
तेरी ही याद आई
हर जगह देता है
तेरा ही अक्स दिखाई
सीली सी रेत पर
तेरे नक़्शे- पा दिखते हैं
उन पर चल मेरे
कदम तुझ तक पहुंचते हैं
ख़्वाबों की दुनिया
बड़ी हंसीं लगती है
ख्याल जैसे मेरे
तुझ तक पहुंचते हैं
अचानक से उठती है
एक उद्वेग भरी लहर
मिटा देती है सारे निशां
और रह जाती हूँ मैं सिहर
सूनी सूनी सी आँखों से
कुछ आता नहीं नज़र
एक कतरा अश्क का
बन जाता है ज़हर
ना तुझको मेरी खबर
ना मुझको तेरी खबर
ये ख्वाहिशों का सैलाब
बन जाता है कहर
16 comments:
प्रेम विरह पर लाजवाब अभिव्यक्ति । शुभकामनायें
sagar kinare dil ye pukare....wah wah kya likha hai aapne khwaab se haqiqat tak ka rasta bahut hi khubsrti se bayan kia hai..
लहरों के स्पर्श से तेरी ही आवाज़ आई....
बहुत सुंदर एहसास ... से परिपूर्ण.... लाजवाब रचना....
आभार........
prem ki saagareey abhivyakti he yah. ahsaas hi shbdo me bandh kar utaraa he.
achhi rachna.
Bahut sundar varnan hai "Virah Ke Daah" ka, badi hikhubsurat abhivyakti.....hardik dhanyawad!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
खूबसूरत रचना ! प्रतीति कितनी कसक भरी और बहुआयामी होती है, रचना में दिखी यह बात ! आभार ।
सरलता और सहजता का अद्भुत सम्मिश्रण बरबस मन को आकृष्ट करता है। चूंकि कविता अनुभव पर आधारित है, इसलिए इसमें अद्भुत ताजगी है।
खवाबो का बहुत सुंदर तिल्लिस्म है...और ये तिल्लस्म टूट जाये तो आंसू ही हाथ आते है..और ख़वाहिशो का सैलाब कहर बन जाता है...
रश्मि रविजा अपनी टिपण्णी मेरे ब्लॉग पर पोस्ट नहीं कर पा रही हैं...उन्होंने प्रतिक्रिया भेजी है जो मैं उनकी तरफ से पोस्ट कर रही हूँ....शुक्रिया
rashmi: सच कहा,ख्वाहिशों का सैलाब ऐसे ही कहर ढाता है...और किसी को खबर भी नहीं होती....मार्मिक अभिव्यक्ति
waah.........dil ko chhoo gayi rachna.
acchee lagee ye rachana...........
एक कतरा अश्क का
बन जाता है ज़हर
ना तुझको मेरी खबर
ना मुझको तेरी खबर
ये ख्वाहिशों का सैलाब
बन जाता है कहर
प्रेम के रंग में डूबी रचना ..... पर जुदा होने का एहसास समेटे .... बहुत खूब लिखा है .......
Behtareen bhavabhivyakti....
सागर की लहरें दिल में उतर गईं
Its a real depiction of dreams and reality ...Excellant ...
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