दोस्ती का एक दिन
>> Sunday, August 1, 2010
कल अचानक ही
इस नेट की दुनिया ने
मेरे ज्ञान चक्षु खोल दिए
और मुझे पहली बार ही
पता चला कि --
साल भर में एक दिन
दोस्ती का भी होता है
शायद बाकी दिन
लोग दुश्मनी निबाहते हैं ।
ये पश्चिमी सभ्यता
भारतीय संस्कृति पर
कैसा कब्जा जमा रही है
दोस्ती के साथ साथ
माँ - बाप के लिए भी
साल में एक एक दिन
मना रही है ।
सोचती हूँ कि -
क्या कोई पश्चिमी देश
ऐसी दोस्ती निभा पायेगा ?
जो भारतियों ने निबाही है
दोस्ती की खातिर
अपनी जान तक गँवाई है ।
हमारे देश में दोस्ती के नाम से
इतिहास भरा पड़ा है
पांडवों का भाई होते हुए भी
कर्ण , दुर्योधन के साथ खड़ा है ।
द्रोपदी के साथ थे कृष्ण
जिन्होंने पग - पग पर
दोस्ती निबाही थी
भरी सभा में उन्होंने ही
उसकी लाज बचाई थी ।
आज हम दोस्ती को भी
एक व्यवसाय समझ लेते हैं
जहाँ कुछ फायदा होता है
वहीं दोस्ती कर लेते हैं ।
क्या कोई कृष्ण - सुदामा जैसी
दोस्ती निबाह पायेगा ?
बिना मांगे अपने दोस्त के लिए
सब कुछ न्योछावर कर पायेगा ?
दोस्ती का झरना तो
हमारे देश में बहता है
वो चंद लफ्जों का मोहताज़ नहीं
ऐसा मुझे लगता है
इसीलिए कहती हूँ --
फ्रेंडशिप डे और वीक में
दोस्ती को मत बांधो
दोस्ती को दोस्ती रहने दो
इन चीज़ों में मत आंको ...
.
57 comments:
मनुष्य को दो चीजों के लिए ही याद किया जाता है, वे समस्याएं, जिनका वह समाधान करता है, या वे समस्याएं जिन्हें वह पैदा करता है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस चीज के लिए याद किए जाएं। क्यों न एक अच्छा दोस्त बनें और दोस्ती के लिए याद किए जाएं!!!
बाकी दिन
लोग दुश्मनी निबाहते हैं ।
बाज़ार हमें पता नहीं कहाँ ले जाएगा. !! पिछले दिनों मैंने इसी विषय पर कुछ लिखा था,बाज़ार,रिश्ते और हम !!
समय हो तो पढ़ें
मीडिया में मुस्लिम औरत http://hamzabaan.blogspot.com/2010/07/blog-post_938.html
शहरोज़
संगीता दी,
पिछला एक हफ्ता में हम ई डायलॉग का मालूम केतना जगह लिखे हैं..
अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार से, फिलिम त्रिशूल
मि. आर.के. गुप्ता! दुनिया में हर वो चीज़ जो बिज़्नेस नहीं है,वो आपको समझ नहीं आती है.
ई सारा डे, मार्केटिंग के रणनीति के तहत सुरू हुआ था, ग्रीटिंग कार्ड बनाने वाले कम्पनी के तरफ से, ताकि ऊ लोग ई माल बेच सके, बाकी त्यौहार के साथ साथ स्लैक सीजन में. अब आप अपने सोच लीजिए कि जिनको बिजनेस समझ में आता है ऊ दोस्ती, माँ बाप, प्रेम अऊर न जाने केतना नाम से बिजनेस कर लेता है.
आप एकदम सही बोली हैं कि कर्ण, कृष्ण कोई दिवस के मोहताज नहीं हैं.
अभी लगले आपका दूगो सवाल का जवाब भी देइए देते हैं..
अपका गांधारी वाला कबिता में धृतराष्ट्र का बात समझ कर (हालँकि ऊ भी एगो आयाम हो सकता था कबिता का) आपको टोके थे तब आप (डाँट कर..मज़ाक) बताईं कि ऊ आपका स्टेटमेंट है..याद आया?
अऊर सोनल जी के कबिता में आप लिखी हैं हमरे कमेंट पर कि एके 47 होता है 56 भी होता है क्या.. ऑटोमैटिक क्लाश्निकोव (ए. के.) का नया शृंखला 56 है.
इसीलिए कहती हूँ --
फ्रेंडशिप डे और वीक में
दोस्ती को मत बांधो
दोस्ती को दोस्ती रहने दो
इन चीज़ों में मत आंको ...
Bilkul manki baat kah dee aapne! Apne mata-pita ke liye bhee kewal ek din manane tak aa gaye ham?
बढ़िया मगर मित्र दिवस की शुभकामना तो ले ही लिजिये. :)
आज बालगंगाधर तिलक का जन्मदिन भी है। मजेदार बात है। हम दोस्ती साल में एक बार निभाएंगे।
बहुत सुंदर प्रस्तुति |सत्य कहा है आपने |क्या दोस्ती के लिए किसी विशेष दिन की आवश्यकता होना चाहिए |नए सोच के लिए बहुत बहुत बधाई |
आशा
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
क्या बात दोस्ती कि क्या मिसाल दी है आपने कर्ण और दुर्योधन रचना के लिए बधाई
अब पश्चिम के लोगो के पास पूरे साल में एक दिन था क्रिसमिस का जिसे मना लेने के बाद पूरा साल वो बोर होते थे तो उन्होंने ये दिवस नियुक्त कर लिए ताकि भारत देश की तरह ये भी कुछ ना कुछ मना कर खुश होते रहें. लेकिन जिनकी नीतिया डीवाइड एंड रूल की हो तो वो क्या जाने दोस्ती के मायने ये कभी ना समझ पायेंगे हमारे देश की नीति और ना ही अनुसरण कर पायेंगे हमारी प्रमुख नीति लव एंड रूल को.
बहुत सुंदर शब्दों में आपने हमारे देश की और हम भारतवासियों के दोस्ती के संस्कारों की बात कही.
बहुत अच्छा लगा आपकी कविता का पढ़ना.
सार्थक कविता.
hum dost hi rahenge .... dosti ki shubhkamnayen
मन -मनन की बात !
यह कटाक्ष है बाकी 364 दिनों के लिये जिस पर लोगों का ध्यान न जाता हो।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति…………………दोस्ती के जज़्बे को बहुत ही खूबसूरती से बाँधा है।वैसे भी दोस्ती का जज़्बा दिल मे बसता है उसे किसी एक दिन की जरूरत नही होती।
सभी पाठकों को आभार .....और मित्र दिवस की शुभकामनाएं
@@ सलिल ,
अरे वो मैंने डांटा कहाँ था? अपनी बात समझाई थी ....:):)
और रही ४७ ....५६ की बात तो भैया हमको तोप तमंचों का बिलकुल ज्ञान नहीं है ....ए के ४७ भी इस लिए पता है की इसके चक्कर में संजय दत्त हवालात की सैर कर चुके हैं ...
अपने मन की बात बताने का शुक्रिया
sahi kaha aapne sangeeta ji achche dosto ke liye friendship har din hoti hai..
badhiya rachana..badhai
दोस्ती का झरना तो
हमारे देश में बहता है
सही है हमारा देश इस मायने में तो धनी है ही
फ्रेंडशिप डे और वीक में
दोस्ती को मत बांधो
दोस्ती को दोस्ती रहने दो
इन चीज़ों में मत आंको ...
बिलकुल सही कहा .....हमारे देश जैसी दोस्ती के उदाहरण कहाँ मिलेंगे...
वाह वाह क्या बात है ........संगीता जी ...क्या धुलाई की है आपने एकदम सुपर रिन की चमकार
didi sngitaa ji aapke sngit kaa svrum to bhut niraala he isiliyen aap sngita svrup hen dosti ke ghte daayre ko vishaal krne ki aapki jo hidaayt he yeh anuthi he or dosti kaa schcha mnovigyaan yaani dost mnovigyaan yhi he . akhtar khan akela kota rajsthan
तीज त्यौहार की भांति भी यह एक पर्व बनता जा रहा है ...
ये पश्चिमी सभ्यता दोस्त की तरह हमारी सभ्यता में घुसपैठ कर रही है.. और हमें ही तय करना होगा की क्या सही है, क्या गलत.. ......
हमारी तरफ से मित्र दिवस की हार्दिक बधाई
ye sab to hum par nirbhar hona chaiye ki ...kise apnya jaye kis cheeg ko thukrna chahiye ......
happy friendship day
salil ji ne to sab baat klah di mummqaaa.jo main kehne wa;a tha... :) aur han same to u.. :)hehe nazm bahut achhi hqai ...
फ्रेंडशिप डे और वीक में
दोस्ती को मत बांधो
दोस्ती को दोस्ती रहने दो
इन चीज़ों में मत आंको ...
होना तो यही चाहिए ...!
आपने तो मेरे मन की बात कह दी ! जो बातें चिरंतन हैं, जैसे माता, पिता, भाई , बहन , मित्र आदि के प्रति हमारे प्यार की भावना और समर्पण, उन्हें साल में किसी दिवस विशेष के लिये प्रदर्शित करने की चेष्टा उन बाकी ३६४ दिनों की भावनाओं को झुठला कर बौना कर देती है जब हम उनके प्रति प्यार के जज्बे से लबरेज रहते हैं ! बहुत ही अच्छी और सच्ची बात कही है आपने रचना में ! मेरी बधाई स्वीकार कीजिये ! वैसे मित्र दिवस की शुभकामनाएं तो ले ही लीजिए !
बहुत ही बढ़िया रचना प्रस्तुत की है आपने!
--
मित्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हमारी तरफ से मित्र दिवस की हार्दिक बधाई
कई आयोजन इसलिए भी ज़रूरी हैं कि उनकी निरर्थकता साबित होती रहे।
मित्र दिवस की शुभकामना.....
इसमें आधा आखर और मिलाओ
दोस्ती को प्यार बनाओ
चार दिन की जिंदगानी जिसमें ढाई आखर प्यार के
02.08.10 की चिट्ठा चर्चा में शामिल करने के लिए इसका लिंक लिया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/
भारत के युवा ये भी जाने हमारे देश के तीन युवा जो की दोस्ती के लिए मसूर हुवे थे
भगत सिंह, राज गुरु , सुखदेव, १९३१ में शहीद हुवे थे इन तीनो दोस्तों के किस्से उस
ज़माने में आम हुवा करते थे लेकिन बड़े दुख के साथ ये दोस्ती किसी हिन्दुस्तानी युवा
को याद नहीं आज फ्रेंडशिप डे दुसरे देश की देन है उसे भारत के युवा इतिहास बना रहे है
क्यों भगत सिंह राज गुरु , सुखदेव की दोस्ती को भुला रहे है
जुग जुग जिओ मेरे देश के जवानो........................
हमारे भारत में प्यार का दिन होली है
हमारे भारत में माता पिता के लिए गुरुपूर्णिमा और दिवाली है
बहिन की रक्ष्या बंधन का कर्ज चुकाना है
फुल भारत के शहीद को चढ़ाना है
दोस्ती की मिसाल मेने देदी है आओ देश के युवा आज देश में एक नयी रौशनी लानी है...............
जय हो भारत माँ आप को जो आप ने इस जमी पे हमें बुलाया है
नफरत है जो दुसरे देश के त्यौहार बनाते है
bhut achcha aur sahi likha hai aapne .. upar itna kuch phle hi likha ja chuka hai mai aur kya kahun.
shukriya.
आपने सही कहा संगीताजी!...दोस्ती के लिए साल भर में सिर्फ एक दिन?... पश्चिमी सभ्यता भी अजीब है!... आपके विचारो से सहमत हुं!
सच कहा है आपने...
बस हमे ’नए’ ज़माने के साथ चलना है...
सब कुछ भूलकर....
यहां तक कि...
अपने गौरवशाली संस्कृति के इतिहास को भी???
Oyeeee ye mara papad wale ko :)..gazab..kya baat kahi hai..
bahut hi achha likha hai di...dosti nibhane men hamara koi sani nahi.
bhut hi sundr rchna
bajar vad ka spsht prbhav dikhati sfl rchna
bdhai
dr. ved vyathit
bahut hi sahi vishleshhan avam bahut hi sundar prastuti.vastsav me kisi bhi rishte ko sabit karne ke liye koi din visheshh nahi hota.
फ्रेंडशिप डे और वीक में
दोस्ती को मत बांधो
दोस्ती को दोस्ती रहने दो
इन चीज़ों में मत आंको .
ye panktiyan bahut hi achhi lagin.
poonam
बहुत ही बढ़िया रचना प्रस्तुत की है आपने!
संगीता माँ,
खरी खरी!
आज दोस्तियाँ-मुहब्बतें मतलब भरी!
सादर चरण स्पर्श!
आशीष
dosti ke liye koi muhurt nahi hota .
achhi lgi kvita
bahut sunder prastuti.
लेकिन मुझे नहीं लगता कि भारत में संवेदना उस स्तर पर रह गयीं है अब
हर चीज में लोग स्वार्थ देख रहे हैं और आगे बढ़ने की कोशिश में भारत में लोग एक दूसरे को पीछे छोडने के लिए कुछ भी करने तैयार हैं !
शायद आपकी कविता कुछ बदले !!
मित्रता दिवस पर सुन्दर भाव लिए रचना ...बधाई.
स्वतंत्रता दिवस पर बहुत बहुत बधाई!....उत्तम प्रस्तुति!...सार्थक लेख!
स्वतंत्रता दिवस पर बहुत बहुत बधाई!....उत्तम प्रस्तुति!...सार्थक लेख!
बहुत खूब ... आज पश्चिम के त्योहार मनाना एक फैशन हो गया है .... सही विश्लेषण है सभ्यात का .. प्रभावी रचना ...
bahut hi bhavnatmat abhivyakti hai
ये बात तो सही है पश्चिम के अंधानुकरण ने हर रिश्ते का बाज़ार
दे दिया है... प्रदर्शनी में लगे रिश्तों में जो जितना सुंदर दिखायेगा अपनी भावना उसी के द्वारा आकलन किया जायेगा कि उसका रिश्ता कितना सच्चा और मजबूत है।
अति सारगर्भित और प्रासंगिक।
प्रणाम दी
सादर।
फ्रेंडशिप डे और वीक में
दोस्ती को मत बांधो
दोस्ती को दोस्ती रहने दो
इन चीज़ों में मत आंको ...
बहुत सादगी से किया ह्रदय की भावनाओं का वर्णन !सुंदर कविता दी |
क्या कोई पश्चिमी देश
ऐसी दोस्ती निभा पायेगा ?
जो भारतियों ने निबाही है
दोस्ती की खातिर
अपनी जान तक गँवाई है ।---बहुत सुंदर रचना...।
बाजारवाद का ही प्रभाव है। बहुत सुंदर समयानुकूल सार्थक रचना।
बधाई।
प्रिय दीदी, दोस्ती के नाम पे हो रहे दिखावे के रूप में पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण का नाम ही फ्रेंडशिप डे है। मुझे भी ब्लॉग से जुड़कर पता चला। मैं भी अब तो अनुशरण कर्ताओं में हूं😀😀😀 लेकिन दोस्ती एक दिन की मोहताज है यनहीं मानती। बस जो रचना में इंगित है वही मैं भी मानती हूं। सार्थक चिन्तन प्रस्तुत करती रचना के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामना 🙏🙏🌷💐
आपने सच कहा, कि हमारा पश्चिमी देशों का अंधानुकरण,हमारी अपनी संस्कृति तथा मूल्यों के पतन का कारण बन रहा है, क्यों न वो मित्र दिवस हो या नया वर्ष हो,या माता पिता दिवस हो। आपकी कविता बहुत ही सार्थक प्रश्न छोड़ती है, जो सभी को न सही पर बहुतों को प्रेरणा देगी, बहुत शुभकामनाएं आपको दीदी।
हमारे देश में दोस्ती के नाम से
इतिहास भरा पड़ा है
पांडवों का भाई होते हुए भी
कर्ण , दुर्योधन के साथ खड़ा है ।
वाह!!!!
क्या बात...पर इतिहास से क्या लेना यहाँ किसी को सच कहा आपने पश्चिमी सभ्यता .....बस इसी का भूत चढ़ा है सब पर...।
बहुत ही लाजवाब सृजन।
अति सुन्दर भावपूर्ण रचना
दोस्ती कौन से एक दिन में बँधी है!
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